मशहूर इतिहासकार रोमिला थापर को लेकर एक और नया विवाद खड़ा हो गया है. सोशल मीडिया में उनका एक वीडियो क्लिप वायरल हो रहा है, जिसमें वह कथित तौर पर यह कहती हुई दिख रही हैं कि महाभारत में युधिष्ठिर का चरित्र सम्राट अशोक से प्रेरित है. 21 सितंबर से सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे इस क्लिप को लेकर लोग प्रोफेसर थापर की योग्यता पर सवाल खड़े कर रहे हैं. महाभारत और सम्राट अशोक के समय में अंतर को लेकर लोग सोशल प्रोफेसर थापर से सवाल कर रहे हैं.
इस क्लिप को लेकर ‘आर्ट ऑफ लिविंग’ के एक सदस्य ने प्रोफेसर थापर की आलोचना की है.
ट्विटर पर सक्रिय दक्षिणपंथी रुझाने वाल कई यूजर्स ने प्रोफेसर थापर की इस क्लिप की निंदा की है. ऐसे ट्विटर यूजर्स को बायो में ‘Hyper Nationalist’ or ‘Right-winger’ लिखा है.
कुछ ने व्यंग्य और मजाकिया लहजे का इस्तेमाल किया है
कई हस्तियां प्रोफेसर थापर के समर्थन में उतरीं
दूसरी ओर कई हस्तियां उनके समर्थन में भी आगे आई हैं. इतिहासकार और माइथोलॉजी एक्सपर्ट देवदत्त पटनायक ने थापर की ओर से बताए गए दो कालखंडों के बारे में ट्वीट कर स्थिति स्पष्ट करने की कोशिश की है. थापर ने कहा है कि थापर ने जिस युधिष्ठिर नाम के चरित्र का जिक्र किया है, वह महाभारत का है जो 2000 साल पहले लिखा गया. जबकि अशोक ने अपने शासनादेश 2300 वर्ष पहले लिखे थे.
इससे पहले जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी ने एमिरेटस प्रोफेसर के तौर पर बरकरार रखने के लिए रोमिला थापर से उनका सीवी मांग लिया. इस मामले पर जब बवाल मचा तो प्रोफेसर थापर ने कहा कि प्रोफेसर एमिरेटस के लिए सीवी के दोबारा मूल्यांकन की कोई जरूरत ही नहीं है. सीवी मांगने का मकसद किसी से छिपा नहीं है.
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