राजस्थान में राजनीति अब तेज हो चुकी है. सरकार गिराने के आरोप-प्रत्यारोपों के बीच उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट 10 से ज्यादा विधायकों के साथ दिल्ली पहुंच चुके हैं.
दैनिक भास्कर के मुताबिक, पायलट के साथ कांग्रेस के 12 और तीन निर्दलीय विधायक हैं. बता दें यह लोग अशोक गहलोत सरकार से नाराज चल रह हैं और अपनी दिक्कतें सोनिया गांधी को बताने के लिए दिल्ली पहुंचे हैं.
बता दें 200 सीटों वाली राजस्थान विधानसभा में बहुमत के लिए 101 सीटों की जरूरत होती है. पिछले विधानसभा चुनावों में कांग्रेस को 99 सीटों पर जीत मिली थी. उसकी सहयोगी आरएलडी को एक सीट और बीजेपी को 73 सीटों पर जीत मिली थी. वहीं बीएसपी की 6 सीटों पर जीत दर्ज हुई थी. कुल मिलाकर 13 निर्दलीय उम्मीदवारों को भी जीत मिली थी.
बाद में बीएसपी के सभी विधायक कांग्रेस में शामिल हो गए थे. मंडवाना में हुए उपचुना में भी कांग्रेस ने बीजेपी से एक सीट छीन ली थी. इस तरह कांग्रेस सरकार के पास फिलहाल 107 विधायक हैं.
इस बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शनिवार रात साढ़े आठ बजे कैबिनेट मंत्रियों के साथ मीटिंग की. इसमें कुछ विधायक भी मौजूद थे. सभी मंत्रियों को अपने इलाके के विधायकों से संपर्क में रहने को कहा गया है. उनकी समस्याओं पर ध्यान देने के लिए भी बोला गया है.
शनिवार को तीन निर्दलीय विधायकों पर हुए थे मामले दर्ज
शनिवार को एंटी करप्शन ब्यूरो ने तीन निर्दलीय विधायकों- ओमप्रकाश हुड़ला, अजमेर किशनगढ़ के सुरेश टांक और पाली मारवाड़ के खुशवीर सिंह, इन पर मोटी रकम लेकर विधायक तोड़ने का आरोप लगाया था. इन तीनों विधायकों पर मामला दर्ज किया गया है.
वहीं मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बीजेपी नेता गुलाबचंद कटारिया, राजेंद्र राठौड़ और नेता प्रतिपक्ष सतीश पूनिया पर केंद्र के इशारे पर सरकार गिराने की साजिश रचने का आरोप लगाया है.
बता दें तीन महीने पहले ही मध्यप्रदेश में ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बीजेपी से नाता जोड़ लिया था. जिसके चलते कमलनाथ सरकार गिर गई थी.
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