मध्य प्रदेश के भोपाल से बीजेपी सांसद प्रज्ञा ठाकुर ने सीहोर जिले के मीडियाकर्मियों को "बेईमान" बताकर फिर से विवाद खड़ा कर दिया है. स्थानीय पत्रकारों ने प्रज्ञा ठाकुर से माफी की मांग की है. साथ ही पत्रकारों ने बीजेपी नेतृत्व से प्रज्ञा ठाकुर को पार्टी से निष्कासित किए जाने की मांग की है.
ठाकुर ने ये बयान मंगलवार को उस वक्त दिया, जब स्थानीय पत्रकारों ने कांग्रेस द्वारा शासित राज्य में विभिन्न मुद्दों पर उनकी प्रतिक्रिया मांगी.
ठाकुर ने हंसते हुए कहा-
“मैं अब बोल रही हूं, अपनी प्रशंसा सुनें. सीहोर में सभी मीडियाकर्मी बेईमान हैं.”
ठाकुर के इस बयान पर मौके पर मौजूद रहे मीडियाकर्मियों ने नाराजगी जताई. इसके बाद पत्रकारों के एक समूह ने स्थानीय प्रशासन को ज्ञापन सौंपकर मांग की थी कि प्रज्ञा ठाकुर अपने बयान के लिए माफी मांगें.
प्रधानमंत्री के नाम सौंपे गए ज्ञापन में पत्रकारों ने प्रज्ञा ठाकुर को पार्टी से निष्कासित किए जाने की मांग की.
राज्य में कुछ जगहों पर हो रही बारिश से संबंधित एक सवाल के जवाब में प्रज्ञा ठाकुर ने कहा, "जब से साध्वी राजनीति में आई है भारी बारिश हुई है."
बता दें, ठाकुर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 69वें जन्मदिन पर अपने संसदीय क्षेत्र भोपाल में आने वाले सीहोर जिले में आयोजित एक कार्यक्रम में पहुंची थीं.
प्रज्ञा ठाकुर साल 2008 में हुए मालेगांव बम विस्फोट मामले में आरोपी हैं. फिलहाल, वह जमानत पर हैं. प्रज्ञा ठाकुर ने इसी साल मई महीने में हुए लोकसभा चुनाव में अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी और कांग्रेस उम्मीदवार दिग्विजय सिंह को हराया था.
विवादित बयानों को लेकर सुर्खियों में रहती हैं प्रज्ञा ठाकुर
राजनीति में सक्रिय होने के बाद से प्रज्ञा ठाकुर लगातार अपने बयानों को लेकर विवादों में घिरी रहती हैं.
- लोकसभा चुनाव के दौरान उन्होंने महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे को देशभक्त कहा था. चुनाव प्रचार के दौरान उन्होंने कहा था कि 26/11 के मुंबई आतंकवादी हमले में एटीएस अधिकारी हेमंत करकरे की मौत इसलिए हुई थी, क्योंकि करकरे ने उन्हें प्रताड़ित किया था.
- बीते जुलाई में, प्रज्ञा ठाकुर ने बीजेपी कार्यकर्ताओं से कहा था कि वह स्वच्छ भारत अभियान में नालियों या शौचालयों को साफ करने के लिए सांसद नहीं बनी हैं.
- पिछले महीने, उन्होंने कहा कि विपक्ष बीजेपी नेताओं को नुकसान पहुंचाने के लिए ‘मारक शक्ति’ का इस्तेमाल कर रहा है. उन्होंने कहा था कि पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली और सुषमा स्वराज के निधन के पीछे बुरी शक्ति थी.
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