मोदी सरकार में मंत्री से लेकर बीजेपी के नेता जेएनयू को लेकर आए दिन कुछ ना कुछ विवादित बयान देते रहे हैं. इस बार मोदी सरकार में मंत्री संजीव बालियान ने जेएनयू और जामिया के छात्रों का ‘इलाज’ करने की बात कही है.
उन्होंने मेरठ में एक कार्यक्रम में कहा कि जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी और जामिया मिल्लिया इस्लामिया में देश विरोधी नारेबाजी न हो. इसके लिए पश्चिमी उत्तर प्रदेश का इन यूनिवर्सिटी में 10 फीसदी आरक्षण कर दीजिए, फिर यहां के छात्रों का इलाज हो जाएगा.
उन्होंने रक्षा मंत्री राजनाथ का नाम लेते हुए कहा,
“मैं राजनाथ जी से निवेदन करूंगा, जो जेएनयू और जामिया में देश के विरोध में नारे लगाते हैं इनका इलाज एक ही है, पश्चिम उत्तर प्रदेश का वहां 10 फीसदी आरक्षण कर दीजिए, सबका इलाज कर देंगे, किसी की जरूरत नहीं पड़ेगी.”
संजीव बालियान ने नागरिकता कानून और एनआरसी का जिक्र करते हुए कहा कि अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी और जामिया में जो विरोध कर रहे हैं वह सब राजनीति के तहत हो रहा है. जेएनयू और जामिया में मिलाकर जितने छात्र पढ़ते हैं उससे ज्यादा तो यहां मेरठ कॉलेज में सीएए के पक्ष में बैठ चुके हैं.
बीजेपी नेताओं के भड़काऊ बयान
देशभर में CAA और NRC के खिलाफ हो रहे विरोध प्रदर्शनों पर कई बीजेपी नेताओं ने नफरत भरे बयान दिए हैं. पश्चिम बंगाल में भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष दिलीप घोष नागरिकता संसोधन कानून और एनआरसी के खिलाफ प्रदर्शन करने वाले लोगों को लाठी और गोली मारने की धमकी तक दे डाली. वहीं उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री रघुराज सिंह ने एक विवादित बयान में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यानाथ के खिलाफ नारेबाजी करने वालों को 'जिंदा दफन' कर दिया जाएगा.
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