देश के कई राज्यों में चल रहे कैश की दिक्कत पर SBI के चेयरमैन रजनीश कुमार ने कहा है कि कल तक इसका समाधान हो जाएगा. इन राज्यों में नकदी भेजी जा रही है. कुमार ने कहा कि कुछ इलाके ही ऐसे हैं जहां कैश की कमी से एटीएम मशीनें चलाने में दिक्कत आ रही है, या जहां कुछ विशेष तरह के नोटों की कमी है. कुमार ने कहा , ‘‘ ये कोई हमेशा बनी रहने वाली नकदी की कमी वाली समस्या नहीं है. ये तेलंगाना और बिहार जैसे इलाकों में हैं. हमें उम्मीद है कि ये समस्या कल तक सुलझ जाएगी क्योंकि नकदी को भेजा जा रहा है. ''
वित्त मंत्रालय ने क्या कहा था?
इस हफ्ते की शुरुआत में वित्त मंत्रालय ने कहा था कि आंध्र प्रदेश , तेलंगाना , कर्नाटक , मध्यप्रदेश और बिहार जैसे देश के कुछ राज्यों में अचानक से कैश की मांग बढ़ गई है. इस महीने के शुरुआती 13 दिनों में 45,000 करोड़ रुपये की मांग बढ़ गई है. कुमार ने कहा कि इस कमी के लिए कैश को अपने पास रोक लेने वाले लोग जिम्मेदार है. उन्होंने कहा कि लोग अगर नकदी निकालते हैं तो उन्हें इसे वापस बैंक में भी जमा कराना होता है. अगर ऐसा नहीं होता है तो फिर हम कितने भी कैश की आपूर्ति कर लें ये देश के लिए अपर्याप्त ही रहेगी. आर्थिक मामलों के सचिव सुभाष चंद्र गर्ग ने इस हफ्ते की शुरुआत में कहा था कि सरकार को संदेह है कि 2,000 रुपये के नोट की जमाखोरी की जा रही है.
प्रिंटिंग प्रेस में 24 घंटे चल रही छपाई
इस बीच सरकार ने नोटों की छपाई का काम बेहद तेज कर दिया है. चारों प्रिंटिंग प्रेस में 24 घंटे काम हो रहा है. एक बड़े अधिकारी ने बताया कि देश में एक अनुमान के आधार पर 70 हजार करोड़ रुपये की नकदी की कमी को पूरा करने के लिए इस हफ्ते मशीनें 500 और 200 रुपये के नोटों की लगातार छपाई कर रही है. प्रिंटिंग प्रेस में औसतन दिन में 18 से 19 घंटे काम करते हैं, सिर्फ तीन से चार घंटे का ही विराम होता है. लेकिन कैश की अचानक बढ़ी मांग और एटीएम मशीनों में नकदी खाली होने के चलते हफ्ते के सातों दिन और 24 घंटे काम किया जा रहा है.
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