तमिलनाडु के तूतीकोरिन जिले में वेदांता ग्रुप की कंपनी स्टरलाइट की कॉपर यूनिट के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान भड़की हिंसा के बाद लगाई गई धारा-144 रविवार को हटा दी गई है. इसके साथ ही जिले में स्थिति में सामान्य हो गई है. तूतीकोरिन में हिंसा भड़कने पर प्रशासन ने 23 मई को धारा-144 लगाई थी.
स्टरलाइट की कॉपर यूनिट के खिलाफ प्रदर्शन और पुलिस गोलीबारी की इस घटना में 13 लोगों की जान चली गई थी, जबकि कई लोग घायल हो गए. इस हिंसक प्रदर्शन के बाद मद्रास हाईकोर्ट ने प्लांट के विस्तार पर रोक लगा दी है.
राज्य के सूचना एवं प्रचार मंत्री के. राजू ने बताया कि फैक्टरी 9 अप्रैल से बंद है क्योंकि इसके लाइसेंस के नवीकरण की अर्जी राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने खारिज कर दी थी.स्थानीय लोगों ने करीब 98 दिनों तक वेदांता लिमिटेड की इस फैक्टरी को बंद करने की मांग करते हुए प्रदर्शन किया. मंत्री ने बताया कि फैक्टरी की बिजली सप्लाई बंद कर दी गई थी. अब जलापूर्ति भी बंद कर दी गई है.
सरकार ने मृतकों के परिवारों के किसी एक सदस्य को नौकरी देने का ऐलान किया है. इंटरनेट सेवाएं पड़ोसी कन्याकुमारी और तिरूनेलवेली जिलों में बहाल कर दी गई है.
क्यों हुआ हिंसक प्रदर्शन?
स्थानीय लोगों के मुताबिक, तमिलनाडु के तूतीकोरिन में इस कॉपर फैक्ट्री से प्रदूषण के कारण लोगों की सेहत बिगड़ रही है. पीने के पानी की समस्या बढ़ रही है. इसी वजह से प्रदर्शनकारी कॉपर फैक्ट्री को बंद कराने कर रहे हैं. मंगलवार को प्लांट की ओर प्रदर्शन करने जा रहे लोगों को पुलिस ने रोक दिया. इस बीच लोगों ने पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया. उग्र होती भीड़ ने पुलिस के वाहन भी पलट दिए. इसके बाद पुलिस ने उन्हें तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े.
पथराव की घटना में करीब तीस लोग घायल हो गए और कुछ वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया.
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