ADVERTISEMENTREMOVE AD

CJI की सुरक्षा पर चिंता-कोई भी सेल्फी ले लेता है,माला पहना देता है

गोगोई की सुरक्षा को लेकर गृह, विदेश मंत्रालय, इंटेलिजेंस ब्यूरो और दूसरी सिक्योरिटी एजेंसियों के बीच मंत्रणा

Updated
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा

सिक्योरिटी एजेंसियों ने सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की सुरक्षा को लेकर चिंता जताई है. गोगोई की सुरक्षा को लेकर गृह मंत्रालय, विदेश मंत्रालय, इंटेलिजेंस ब्यूरो और दूसरी सिक्योरिटी एजेंसियों के बीच बातचीत हुई, जिसमें कहा गया कि उनकी सुरक्षा काफी हल्की है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

चीफ जस्टिस की सुरक्षा को लेकर सिक्योरिटी एजेंसियों के बीच बैठक

न्यूज एजेंसी एएनआई ने एक चिट्ठी हासिल की है, जिसमें सुरक्षा एजेंसियों के बीच बातचीत का जिक्र किया गया है. इसमें चीफ जस्टिस की सुरक्षा पर चिंता जताई गई है. कहा गया है कि उनकी सिक्योरिटी काफी हल्की है. इसमें कहा गया है कि चीफ जस्टिस की सुरक्षा दिल्ली पुलिस करती है. यह इतनी हल्की है कि कोई भी उनके साथ सेल्फी ले सकता है और या उन्हें माला पहना सकता है. सुरक्षा के लिहाज से यह ठीक नहीं है. सेल्फी लेने और फूलों का हार पहनाने को तुरंत रोका जाना चाहिए. यह चिट्ठी दिल्ली पुलिस के संयुक्त पुलिस आयुक्त (सुरक्षा) आई डी शुक्ला ने जारी किया है.

इस हाई लेवल मीटिंग के बाद सभी सुरक्षा एजेंसियों को निर्देश दिया गया है कि चीफ जस्टिस के काफिले की गाड़ियों के लिए सिक्योर्ड पार्किंग की व्यवस्था हो. उनके नजदीक मजबूत सुरक्षा घेरा रहे. सुरक्षाकर्मियों को उन्हें घेरे रहना चाहिए.
ADVERTISEMENTREMOVE AD

चिट्ठी में कहा गया है कि चीफ जस्टिस और सभी ऊंची हस्तियों की सुरक्षा से जुड़े सभी पक्षों को उन्हें फूलफ्रूफ सुरक्षा करने के लिए अतिरिक्त प्रयास करने होंगे. कई बार ऐसे मामले आए हैं, जब लोगों ने उन्हें घेर कर सेल्फी लेना शुरू कर दिया था.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

दरअसल चीफ जस्टिस लगातार हाई प्रोफाइल केस की सुनवाइयों में शामिल हैं. सुप्रीम कोर्ट दिल्ली में होने की वजह से दिल्ली पुलिस पर उनकी सुरक्षा का भार है. राजधानी में चीफ जस्टिस कई सार्वजनिक समारोहों में हिस्सा लेते रहे हैं. ऐसी जगहों पर उनके लिए मजबूती सिक्योरिटी कवर मुहैया कराना एजेंसियों के लिए एक बड़ी चुनौती बन जाती है. चीफ जस्टिस को सुरक्षा मुहैया करने के लिए एजेंसियों के बीच काफी को-ऑर्डिनेशन की भी जरूरत पड़ती है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: 
सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
×
×