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वर्दीवालों की मोहब्बत और इश्क के इस जुनून का अंजाम हत्या क्यों?

सेना और पुलिस अधिकारियों से जुड़े इन रिश्तों का अंत हत्या से हुआ

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दिलकशी, ऊंस, मोहब्बत, जूनून और हत्या. मेजर अमित द्विवेदी की पत्नी को शैलजा द्विवेदी को दूसरे मेजर निखिल हांडा ने मार डाला. दोनों शादीशुदा थे लेकिन 2015 में फेसबुक से शुरू हुई दिलकशी कुछ ही महीनों में ऊंस यानी जुड़ाव में तब्दील हो गई. मेजर हांडा जुनून की हद तक शैलजा को पाना चाहता था. नहीं मिली तो हत्या कर दी. वर्दी वालों की जुनूनी प्रेम कहानी का खूनी अंत की खौफनाक दास्तां कई हैं और सभी इतनी दरिंदगी की हद तक पहुंचाने वाली हैं. सेना और पुलिस अधिकारियों से जुड़ी कई रिश्तों का अंत हत्या रहा है.

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नानावटी केस

साल 1959 का ये केस अबतक याद किया जाता है. नेवी ऑफिसर केके नानावटी ने अपनी पत्नी के प्रेमी को मौत के घाट उतार दिया था. नानावटी ने विदेशी मूल की सैलविया से शादी की थी. सैलविया की नजदीकियां नानावटी के ही एक रईस दोस्त प्रेम आहूजा से बढ़ी. धीरे-धीरे मुलाकातों का ये सिलसिला कुछ ज्यादा ही बढ़ गया. इस बात की भनक जब नानावटी को लगी तो वो दोस्त की दगाबाजी बर्दाश्त नहीं कर सके.

प्रेम आहूजा के घर में घुसकर नानावटी ने ऊनपर ताबड़तोड़ कई गोलियां दाग दी. कोर्ट में ये मामला काफी लंबा चला, पारसी समुदाय का पूरा समर्थन नानावटी की तरफ था, साथ ही नेवी में किए गए अपने शानदार काम की वजह से देशभक्ति की लहर भी थी. 3 साल की कैद काटने के बाद नानावटी आजाद हो गए और पत्नी-परिवार समेत कनाडा में जा बसे.

नीरज ग्रोवर मर्डर केस

साल 2008 के इस केस में भी नेवी के एक ऑफिसर जैरोम मैथ्यू पर दाग लगा. मैथ्यू की गर्लफ्रेंड मारिया सुसायराज एक स्ट्रगलिंग मॉडल थी. कन्नड़ फिल्म इंडस्ट्री से आगे निकलकर वो मुंबई में नाम कमाना चाहती थी. यहां उसकी मुलाकात एक टीवी चैनल के क्रिएटिव डायरेक्टर नीरज ग्रोवर से हुई. काम की जरूरत ने मारिया को नीरज के करीब ला दिया. ये नजदीकियां अब ज्यादा बढ़ गईं थी, नीरज-मारिया एक साथ रातें गुजारने लगे थे.

मैथ्यू को इस बात की भनक लग गई थी, एक दिन वो अचानक कोच्चि से मुंबई मारिया के घर पहुंचा. उस वक्त नीरज ग्रोवर मारिया के बेडरूम में था. मैथ्यू ने आपा खोकर नीरज ग्रोवर से झगड़ा शुरू कर दिया. इस मारपीट में नीरज की मौत हो गई. फिर मैथ्यू-मारिया ने मिलकर लाश के करीब 300 टूकड़े किए और उसे शहर से बाहर ले जाकर जला दिया.

आरोप साबित होने के बाद मारिया को सबूत मिटाने के जुर्म में 3 साल की सजा और मैथ्यू को गैर-इरादतन हत्या के केस में 10 साल की कैद हुई. मारिया अपनी सजा भुगतकर जेल से बाहर आ चुकी है. वहीं नेवी के पूर्व ऑफिसर जेल में हैं.

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कैप्टन मेघा राजदान केस

साल 2007 में हुए इस केस में आर्मी ऑफिसर कैप्टन मेघा राजदान ने खुदकुशी कर ली थी. सितंबर 2006 में मेघा की शादी महाराष्ट्र के रहने वाले आर्मी कैप्टन चैतन्य भाटवडेकर से हुई थी. शादी के एक महीने भी नहीं हुए थे कि अचानक मेघा को चैतन्य के अवैध संबंध के बारे में पता चला. चैतन्य का पुणे की एक लड़की के साथ अफेयर चल रहा था.

जब चैतन्य को ये भनक लगी कि मेघा को सबकुछ पता चल गया है, वो मेघा से बदसलूकी करने लगा. दबाव में आकर मेघा राजदान ने जम्मू में आर्मी कैंप के अंदर स्थित अपने आवास में पंखे से लटककर जान दे दी.

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शिवानी भटनागर केस

कुछ ऐसे भी केस हैं जो हाईप्रोफाइल तो रहे लेकिन उनमें प्रेम संबंधों को एंगल नहीं था. ऐसा ही केस पत्रकार शिवानी भटनागर की हत्या का भी था. राजनीति, नौकरशाही और भ्रष्टाचर के चक्रव्यूह में पढ़कर साल 1999 में इंडियन एक्सप्रेस की पत्रकार शिवानी भटनागर ने अपनी जान गंवा दी थी. दिल्ली के पटपड़गंज इलाके में रहने वाली शिवानी के फ्लैट में घुसकर ही बदमाशों ने उनकी हत्या कर दी.

हत्या का आरोप आईपीएस अधिकारी आरके शर्मा पर आया. आरके शर्मा पुलिस की गिरफ्त से कुछ साल तक लगातार बचता रहा. लेकिन 2002 में उसने कोर्ट में सरेंडर कर दिया. फिलहाल, आजीवन कैद की सजा काट रहा है.

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शैलजा द्विवेदी मर्डर केस

अब हाल ही में शैलजा द्विवेदी मर्डर केस सामने आया है, जिसमें हर रोज नए खुलासे हो रहे हैं. मेजर अमित द्विवेदी की पत्नी शैलजा की हत्या का आरोप एक दूसरे मेजर निखिल हांडा पर है. हांडा फेसबुक पर फेक प्रोफाइल के जरिए लड़कियों को अपने जाल में फांसता था. शैलजा को भी उसने फेक प्रोफाइल से ही कॉन्टेक्ट किया था. शैलजा-हांडा के बीच बातचीत साल 2015 में फेसबुक के जरिए शुरू हुई, उस वक्त दोनों नगालैंड के दीमापुर में रहते थे. शैलजा द्विवेदी ने खुद को एसबीआई के अधिकारी की पत्नी तो हांडा ने खुद को दिल्ली का कारोबारी बताया था. जब मिलने की बात हुई तो दोनों ने अपनी असली पहचान एक दूसरे को बता दी.

अमित द्विवेदी को शैलजा-निखिल की दोस्ती का पता वीडियो कॉल से चला. अमित ने निखिल को अपने घर आने के लिए मना कर दिया था और शैलजा को भी समझाया था. लेकिन निखिल लगातार शैलजा द्विवेदी से बात करता रहा. पिछले 6 महीनों ने निखिल ने शैलजा को करीब 3 हजार बार कॉल किया था. लगातार आ रहे फोन कॉल और हांडा की बढ़ती डिमांड को देखकर शैलजा ने उसे शिकायत करने की चेतावनी दी. यहां तक की कोर्टमार्शल तक कराने की धमकी दी. 23 जून को निखिल ने शैलजा की हत्या कर दी.

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