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UP: शामली में 300 साल पुरानी मस्जिद में नमाज पढ़ने से गहराया विवाद, एक गिरफ्तार

Shamli Masjid Controversy: IPC की धारा 505 (2) और सूचना प्रौधौगिक (संशोधन) अधिनियम 2008 की धारा 67 में FIR रजिस्ट्रर्ड की गई है.

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उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के शामली जिले के गांव आहता स्थित 300 साल पुरानी मस्जिद में नमाज पढ़ने से विवाद गहर गया है. बताया जा रहा है कि शुक्रवार (5 जनवरी) को दोपहर दो बजे एक युवक ने नमाज अदा की, जिसका वीडिया वायरल हो गया. ग्रामीणों का आरोप है कि इस खंडहर मस्जिद में पहले कभी किसी ने नमाज नहीं पढ़ी है, ऐसे में अब नमाज अदा करने से सांप्रदायिक माहौल बिगड़ सकता है. पुलिस ने इस मामले में जलालाबाद निवासी उमर कुरैशी को गिरफ्तार किया है और मामले की जांच में जुटी गई है.

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'सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने की कोशिश'

इस मामले में गांव के पूर्व प्रधान संजय कुमार ने कहा, "कुछ युवक लगातार कई दिनों से आ रहे थे, पहले तो वो साफ-सफाई कर रहे थे लेकिन बाद में एक ने नमाज पढ़ी, जिसका मामला संज्ञान में आने के बाद ग्रामीणों ने विरोध किया और पुलिस को मामले की शिकायत की."

यह गांव बहुत शांत प्रिय है, अगर किसी को आकर घूमना है तो कई रोक-टोक नहीं है, लेकिन अगर सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने की कोई कोशिश करेगा तो गांववासी बर्दाश्त नहीं करेंगे.
संजय कुमार , पूर्व प्रधान

'यह मस्जिद नहीं किला है'

संजय कुमार ने आगे कहा, "गांव के आस-पास कई मस्जिद हैं, वहां जाकर नमाज पढ़ें. ये तो मस्जिद नहीं है बल्कि किला है और खंडहर की स्थिति में है. यहां तो मस्जिद का कोई अवशेष भी नहीं है. ये सब चुनाव से पहले जानबूझ कर किया जा रहा है और हिंदू-मुस्लिम कराने की कोशिश है, लेकिन हम ऐसा होने नहीं देंगे."

पुलिस ने आरोपी उमर कुरैशी के खिलाफ आईपीसी की धारा 505 (2) और सूचना प्रौद्योगिक (संशोधन) अधिनियम 2008 की धारा 67 में एफआईआर रजिस्ट्रर्ड की है.

'युवक ने नमाज पढ़ डाला वीडियो'

जिले के एसपी अभिषेक ने कहा, "स्थानीय लोगों और सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो से पता चला की गांव के खंडहर भवन में कुछ युवकों ने पहले सफाई की और फिर नमाज पढ़ी है. जिस व्यक्ति ने नमाज पढ़ी है, उसने इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल किया, और मामला संज्ञान में आते ही उसे गिरफ्तार कर लिया गया है."

गांव में फोर्स की मूवमेंट कर दी गई है, जिससे वहां पर किसी भी प्रकार की कानून-व्यवस्था की स्थित उत्पन्न न हो. सभी पक्षकारों को बता दिया गया है वो राजस्व विभाग या सिविल न्यायालय से अपना अनुतोष प्राप्त करें क्योंकि ऐतिहासिक तौर पर जो वहां स्थानीय लोगों से जानकारी मिली है उसके मुताबिक वो एक किल है और वहां पर आज तक कोई धार्मिक आयोजन नहीं किया गया है.
अभिषेक , एसपी, शामली

'कानून-व्यवस्था बिगाड़ने की कोशिश करने वालों पर होगी कार्रवाई'

एसपी ने आगे कहा, "वहां स्पष्ट निर्देश दिया गया है कि अगर किसी भी प्रकार का गैर परंपरागत प्रथा को प्रचलन में लाकर कानून-व्यवस्था बिगाड़ने का प्रयत्न करेंगे तो उनके खिलाफ कठोर से कठोर कार्रवाई होगी."

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