भीमा कोरेगांव और एल्गार परिषद मामलों की जांच को लेकर महाराष्ट्र में NCP-शिवसेना और कांग्रेस गठबंधन में उथल पुथल मची है. शुरुआती टकराव के बाद एनसीपी और शिवसेना ने संकेत दिए हैं दोनों एक ही पेज पर हैं. शरद पवार ने मंगलवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर यलगार परिषद मामले की समानांतर जांच राज्य की SIT से कराने की मांग की है. इस प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद उद्धव ने सफाई दी है कि भीमा कारोगांव मामले की जांच केंद्र को नहीं सौंपी गई है, केंद्रीय एजेंसी NIA को सिर्फ यलगार परिषद की जांच सौंपी गई है. हालांकि सरकार यलगार परिषद की समानांतर जांच कराएगी या नहीं, इसपर अभी कोई सफाई नहीं है.
यलगार परिषद और भीमा कोरेगांव मामले अलग
मुंबई में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में शरद पवार ने कहा कि ये दोनों मामले अलग हैं. इसके बाद उद्धव ने भी यही बात दोहराई. उद्धव ने कहा कि भीमा कोरेगांव मामला दलितों से जुड़ा है और वो किसी भी कीमत पर इसकी जांच केंद्र को नहीं सौंपेंगे, दलितों के साथ कोई अन्याय नहीं होने देंगे. शरद पवार ने यलगार परिषद मामले में पुणे पुलिस की भूमिका पर सवाल उठाए हैं. और वो इसी की जांच SIT से कराना चाहते हैं. बता दें कि एनसीपी यलगार परिषद की जांच केंद्र को सौंपने से खफा है.
यलगार परिषद में जो लोग शामिल तक नहीं थे, उन्हें भी गिरफ्तार किया गया. सुधीर ढावले ने वंचित समाज पर जुल्म को लेकर सिर्फ एक कविता पढ़ी थी, लेकिन उन्हें भी गिरफ्तार किया गया. पुणे पुलिस के अफसरों की भूमिका की जांच हो.शरद पवार, एनसीपी प्रमुख
शरद पवार ने ये भी कहा कि यलगार परिषद में पीएम मोदी की हत्या की साजिश रची गई थी, ये कहना हास्यास्पद है. उन्हें ये सवाल भी उठाया है कि आखिर इस मामले में केंद्र सरकार ने इतनी तेजी क्यों दिखाई? सरकार ने अभी तक यलगार परिषद की समानांतर जांच की कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की है, लेकिन माना जा रहा है कि इस बात को लेकर शिवसेना और एनसीपी के बीच सहमति बन चुकी है.
यलगार परिषद Vs भीमा कोरेगांव मामला
31 दिसंबर, 2017 को महाराष्ट्र के पुणे में एक यलगार परिषद आयोजित की गई थी. आयोजन के अगले ही दिन भीमा-कोरेगांव स्मारक के पास हिंसा भड़क गई थी. पुलिस ने दावा किया था परिषद में हिंसा की योजना बनाई गई और आयोजन को माओवादियों का समर्थन था. इस मामले में 9 लोगों को गिरफ्तार किया गया था.
गिरफ्तार लोगों के नाम
- गौतम नवलखा
- वारवारा राव
- सुधा भारद्वाज
- अरुण परेरा
- वरनोन गोंजालवेस
- सुरेन्द्र गड़लिंग
- सुधीर ढावले
करीब नौ लोग इस अब भी सलाखों के पीछे हैं. हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट दोनों जगह से इन्हें जमानत नहीं मिली. इसी को लेकर शरद पवार मुखर हैं. एनसीपी और शिवसेना इस मामले में दलितों के साथ खड़ी भी दिखना चाहती हैं.
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