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अगस्ता वेस्टलैंड में लग रहे आरोपों को पत्रकारों ने बताया सफेद झूठ 

अगस्ता वेस्टलैंड मामले में दायर हुई ईडी की चार्जशीट पर शुरू हुआ बवाल, शेखर गुप्ता और मनु पब्बी पर लगा आरोप.

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अगस्ता वेस्टलैंड मामले में दायर हुई ईडी की चार्जशीट पर अब बवाल शुरू हो चुका है. चार्जशीट में यह बताया गया है कि इस केस को लेकर गलत मीडिया कवरेज करवाई गई. यह बात बिचौलिए क्रिश्चियन मिशेल ने कबूल कर ली है. इसी के आधार पर इस चार्जशीट में दो पत्रकारों का भी नाम शामिल है. द इंडियन एक्सप्रेस के पूर्व एडिटर इन चीफ शेखर गुप्ता और पत्रकार मनु पब्बी पर आरोप लगाए गए हैं.

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चार्जशीट में ये है दावा

ईडी की चार्जशीट में मिशेल के हवाले से बताया गया है कि, उसने अपने पक्ष में रिपोर्टिंग के लिए एक फुलटाइम प्रेस एडवाइटर डगलस से मुलाकात की थी. जिसके बाद डगलस ने जर्नलिस्ट मनु पब्बी का नाम सुझाया. चार्जशीट के मुताबिक मिशेल ने इंडियन एक्सप्रेस का नाम लेकर बताया, डगलस का पहला टास्क पब्बी से मिलकर उन्हें ये बताना था कि वो कम से कम अगस्ता वेस्टलैंड का पक्ष तो छापें.

शेखर गुप्ता जो अब एक डिजिटल न्यूज एजेंसी चलाते हैं, उन्होंने चार्जशीट में लगाए गए सभी आरोपों को खारिज किया है. उन्होंने यह भी कहा कि पब्बी के उठाए गए पहलुओं के बाद ही ये डील कैंसल हो गई थी. उन्होंने ट्वीट कर कहा कि अगस्ता वेस्टलैंड पर की गई सभी स्टोरी अखबार के शानदार इतिहास में गर्व का अध्याय थीं.

अपने डिजिटल प्लेटफॉर्म द प्रिंट के आधिकारिक हैंडल से किए गए एक ट्वीट में गुप्ता ने लिखा है कि ईडी चार्जशीट के मुताबिक मिशेल के सभी आरोप 100 प्रतिशत झूठ हैं. उन्होंने इसे हास्यास्पद और बेतुका आरोप बताया.

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जर्नलिस्ट पब्बी ने भी ट्वीट कर अपना रिएक्शन दिया. उन्होंने कहा, इंडियन एक्सप्रेस ने किसी भी तरह की कोई स्टोरी नहीं रोकी. उन्होंने कहा कि हमारी खबरें इस मामले में सीबीआई और ईडी की चार्जशीट के लिए एक बड़ा आधार बनी हैं.

मनु पब्बी ने यह भी कहा कि उनकी ही स्टोरी ने सबसे पहले FAM और AP के बारे में खुलासा किया था.

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चार्जशीट में AP और FAM का जिक्र

ईडी ने अपनी चार्जशीट में AP और FAM कोडवर्ड का इस्तेमाल किया है. जिसमें कांग्रेस के एक बड़े नेता और परिवार का जिक्र किया गया है. ईडी ने कहा है कि राजनीतिक ताकतों के जरिए डील को प्रभावित किया गया. ईडी ने एक बार फिर मिशेल के उस बयान का जिक्र किया है जिसमें कहा गया था कि मिसेज गांधी इस पूरी डील में शामिल थीं. ईडी ने ये भी कहा है कि ये पूरा सौदा वित्तमंत्री और उनके सीनियर एडवाइजर्स पर दबाव बनाकर किया गया.

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