नागरिकता संशोधन बिल राज्यसभा से भी पास हो गया. बुधवार 11 दिसंबर को सदन में पेश होने के बाद देर शाम हुई वोटिंग के बाद बिल को सदन ने पारित कर दिया. इस दौरान शिवसेना वोटिंग में शामिल नहीं हुई और वॉक आउट कर दिया.
बिल को सेलेक्ट कमेटी को भेजने के प्रस्ताव पर वोटिंग के दौरान ही शिवसेना के सांसदों ने सदन से वॉकआउट कर दिया. इसके बाद फाइनल वोटिंग के दौरान भी शिवसेना के सांसद वोट देने सदन में नहीं पहुंचे.
शिवसेना ने लोकसभा में वोटिंग के दौरान समर्थन किया था. जिसके बाद राज्यसभा में बिल के पेश होने के बाद अपने फैसले पर यूटर्न लेते हुए समर्थन नहीं देने का फैसला किया था.
राज्यसभा सांसद संजय राउत से वोटिंग के बहिष्कार पर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा, 'हां शिवसेना ने नागरिकता संशोधन बिल पर वोटिंग का बहिष्कार किया है.'
नागरिकता संशोधन बिल पर गृहमंत्री अमित शाह जब विपक्ष के सवालों का जवाब दे रहे ते तो इस दौरान उन्होंने शिवसेना की भी चर्चा की और पार्टी के समर्थन न देने वाले फैसले पर तंज कसा.
“सत्ता के लिए कैसे-कैसे रंग बदल लेते हैं. शिवसेना ने लोकसभा में बिल का समर्थन किया तो फिर एक रात में ऐसा क्या हो गया जो आज विरोध में खड़े हैं.”अमित शाह, गृहमंत्री
सियासी गलियारों में नागरिकता बिल को लेकर एक ओर कांग्रेस, शिवसेना को नसीहत देती रही, तो वहीं दूसरी ओर बीजेपी लगातार शिवसेना पर सत्ता के दवाब का तंज कसती रही.
राज्यसभा में वोटिंग से पहले महाराष्ट्र के कैबिनेट मंत्री और कांग्रेस नेता बालासाहेब थोराट ने शिवसेना को नसीहत दी थी.
“हमारा देश संविधान के तहत चलता है और संविधान समानता के सिद्धांत पर आधारित है. हम उम्मीद करते हैं कि शिवसेना वोटिंग के दौरान इसका अवश्य ध्यान रखेगी.”बालासाहेब थोराट, कांग्रेस नेता
इससे पहले नागरिकता संशोधन विधेयक 2019 को लेकर महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शिवसेना पर निशाना साधा था. फडणवीस ने कहा था कि क्या शिवसेना पर कांग्रेस की ओर से कोई दबाव है?
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