रेलवे ने 11 मई को श्रमिक स्पेशल ट्रेनों की यात्री क्षमता को (मौजूदा लगभग 1200 से करीब 1700 तक) बढ़ाने का फैसला किया है. बता दें कि ये ट्रेनें कोरोना लॉकडाउन के बीच दूसरे राज्यों में फंसे प्रवासियों को घर पहुंचाने के लिए चलाई जा रही हैं.
न्यूज एजेंसी पीटीआई ने एक आदेश के हवाले से बताया है कि सभी रेलवे जोन को राज्य सरकारों के अनुरोध पर डेस्टिनेशन स्टेट में फाइनल स्टॉप के अलावा 3 स्टॉपेज तय करने के लिए कहा गया है. इसके अलावा यह भी कहा गया है कि ट्रेन की क्षमता उसमें मौजूद स्लीपर बर्थ के बराबर होनी चाहिए.
श्रमिक स्पेशल ट्रेन में हर कोच में 72 यात्रियों को ले जाने की क्षमता के साथ 24 कोच होते हैं. अभी ये ट्रेन सोशल डिस्टेंसिंग के नियम की वजह से हर कोच में 54 यात्रियों की क्षमता के साथ चल रही हैं.
1 मई से अब तक भारतीय रेलवे 5 लाख से ज्यादा लोगों को यात्रा करा चुका है.
रेलवे के नए कदम पर एक अधिकारी ने कहा, ''रेलवे के पास हर रोज 300 ट्रेन चलाने की क्षमता है और हम इसे बढ़ाना चाहते हैं. हम अगले कुछ दिनों में ज्यादा से ज्यादा प्रवासियों को उनके घर पहुंचाना चाहते हैं.''
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