गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या (Sidhu Moosewala Murder Case) में तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है. इनमें दो मुख्य शूटरों समेत उनके मॉड्यूल हेड शामिल हैं. इनसे बड़ी मात्रा में हथियार और विस्फोटक सामान बरामद हुआ है. स्पेशल सेल के स्पेशल सीपी HGS धालीवाल ने इसकी जानकारी दी है. 29 मई को सिद्धू मूसेवाला की हत्या हुई थी. स्पेशल सेल लगातार इसपर काम कर रही थी.
पुलिस ने यह भी बताया कि उन्होंने आरोपियों से बड़ी मात्रा में हथियार और विस्फोटक बरामद किए हैं और कहा कि शूटरों ने पंजाब पुलिस की वर्दी भी खरीदी थी, लेकिन नेमप्लेट की कमी के कारण उनका इस्तेमाल नहीं कर सके.
स्पेशल सेल ने कहा कि छह शूटरों ने मूसेवाला पर कई गोलियां चलाईं.
प्रियव्रत फौजी (26) को कशिश (24), उर्फ कुलदीप और केशव कुमार (29) के साथ गिरफ्तार किया गया था. पुलिस ने दावा किया कि फौजी और कशिश मुख्य शूटर थे, जबकि कुमार घटना के दिन मनसा तक निशानेबाजों के साथ था.
प्रियव्रत फौजी हेड कर रहा था और सीधे इसके पीछे मास्टरमाइंड माने जा रहे गोल्डी बरार के संपर्क में था, जिसने गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के साथ मूसेवाला की हत्या की जिम्मेदारी ली थी. पुलिस ने कहा कि फौजी 'मुख्य' शूटर और हत्या का मुख्य कर्ता-धर्ता था
स्पेशल सेल ने आगे दावा किया कि कशिश और फौजी दोनों हत्या से पहले फतेहगढ़ के एक पेट्रोल स्टेशन पर लगे सीसीटीवी कैमरों में कैद हो गए थे.
तीनों आरोपियों को गिरफ्तारी का पुराना इतिहास
तीनों आरोपियों की गिरफ्तारी का इतिहास रहा है. फौजी को 2015 में सोनीपत में एक हत्या के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया था और 2021 से एक हत्या के मामले में वांछित है, कशिश 2021 में हरियाणा के झज्जर में एक हत्या में वांछित था.
दूसरी तरफ कुमार को 2020 में पंजाब के बठिंडा में एक हत्या के मामले में गिरफ्तार किया गया था और राज्य में जबरन वसूली के विभिन्न मामलों में शामिल होने का भी संदेह था
पुलिस ने कहा कि कुमार गोलीबारी के बाद शूटरों से मिला और पहचान के दौरान उनके साथ भी गया.
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि शूटरों ने दो गाड़ियों में सफर किया. कशिश द्वारा संचालित पहली कार में प्रियवत फौजी, दीपक मुंडे और अंकित सिरसा थे, जबकि जगरूप रूपा ने दूसरी कार चलाई.
पुलिस ने कहा, "जहां पहली कार ने मूसेवाला की थार जीप को ओवरटेक किया और फायरिंग की, वहीं दूसरी कार उसकी पीछा कर रही थी. घटना के तुरंत बाद, मनप्रीत मनु और रूपा वहां से चले गए. वहीं प्रियव्रत का लीड मॉड्यूल भी मौके से फरार हो गया.
पुलिस ने गिरफ्तार लोगों के पास से आठ ग्रेनेड, नौ इलेक्ट्रिक डेटोनेटर, तीन पिस्तौल और एक असॉल्ट राइफल भी बरामद की है.
29 मई को, पंजाब के मनसा जिले में अज्ञात हमलावरों ने मूसेवाला की गोली मारकर हत्या कर दी थी, जिसके एक दिन बाद राज्य सरकार ने उनकी सुरक्षा कम कर दी थी. उनके साथ जीप में यात्रा कर रहे उनके चचेरे भाई और एक दोस्त भी हमले में घायल हो गए
घंटों बाद, पंजाब के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) वीके भावरा ने बताया, "गैंगस्टर गोल्डी बराड़ ने हत्या की जिम्मेदारी ली है. हत्या के पीछे लॉरेंस बिश्नोई का गिरोह है. हत्या में कम से कम तीन हथियारों का इस्तेमाल किया गया था.
मूसेवाला की हत्या के बाद से पुलिस ने कई गिरफ्तारियां की हैं.
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