डीसीपी राजेश देव के नेतृत्व में गठित एसआईटी टीम के अधिकारियों ने मंगलवार को दिल्ली की जामिया यूनिवर्सिटी का दौरा किया. अधिकारियों ने जामिया की लाइब्रेरी समेत उन जगहों का निरीक्षण किया, जहां के कुछ वीडियो हाल ही में वायरल हुए थे. एसआईटी ने फैकल्टी और कुछ छात्रों से पूछताछ भी की. टीम करीब तीन घंटे तक कैंपस में रही.
दरअसल, जामिया में 15 दिसंबर को हुई घटना से जुड़े कई सनसनीखेज वीडियो सामने आए हैं. किसी वीडियो में पुलिस छात्रों पर लाठी बरसाती नजर आ रही है तो किसी वीडियो में छात्रों का झूठ सामने आ रहा है.
पुलिस का कहना है कि जो वीडियो सामने आ रहे हैं, उनकी जांच चल रही है. इसी सिलसिले में जामिया पहुंचे एसआईटी के आला अधिकारियों के साथ ही दो वीडियोग्राफी करने वाले लोग भी पहुंचे, जिन्होंने घटनास्थल के वीडियो बनाए, ताकि जांच के लिए सबूत जुटाए जा सकें.
जामिया ने रविवार को ही साफ कर दिया था कि 15 दिसंबर की रात की घटना का सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा वीडियो जामिया प्रशासन की ओर से जारी नहीं किया गया है. इस पूरे मामले से जामिया प्रशासन ने खुद को अलग कर लिया है. जांच होने के बाद पुलिस के किसी भी अधिकारी ने मीडिया से बात नहीं की.
लाइब्रेरी में घुसने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ शिकायत
जामिया के पूर्व छात्रों के संघ ने मंगलवार को 15 दिसंबर को यूनिवर्सिटी की लाइब्रेरी में घुसने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है. शिकायत में कहा गया है कि उनके खिलाफ हत्या की कोशिश और धर्म के अपमान का मामला दर्ज किया जाना चाहिए.
पुलिस उपायुक्त (दक्षिण-पूर्व) और जामिया नगर पुलिस थाने के प्रभारी को दी अपनी शिकायत में संघ ने आरोप लगाया कि पुलिसकर्मियों ने लाइब्रेरी के अंदर छात्रों पर लाठियां बरसाईं और धार्मिक गालियों का इस्तेमाल किया.
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