महाराष्ट्र विधानसभा में कांग्रेस नेता नाना पटोले स्पीकर पद के लिए चुन लिए गए हैं. इस पद के लिए बीजेपी कैंडिडेट ने अपना नाम वापस ले लिया था.
इससे पहले महाराष्ट्र में शनिवार को उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में महा विकास अघाड़ी ने बहुमत साबित किया था. एनसीपी के नेता दिलीप वलसे को प्रोटेम स्पीकर बनाया गया था.
बीजेपी ने शनिवार को स्पीकर पद के लिए किसन कठोरे को उम्मीदवार बनाया था. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने बीजेपी कैंडिडेट का नाम वापस लेने की पुष्टि की है.
इस बार स्पीकर का चुनाव खुले मतदान से होने की संभावना जताई जा रही थी. लेकिन अब बीजेपी के मैदान से पीछे हटने के बाद सिर्फ कांग्रेस नेता नाना पटोले ही मैदान में बचे हैं. आमतौर पर यह चुनाव गुप्त मतदान के जरिए होता रहा है.
कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चव्हाण पहले ही खुले मतदान की बात कही थी.
शनिवार को फ्लोर टेस्ट में हुआ था हंगामा
शनिवार को MVU गठबंधन ने फ्लोर टेस्ट में बहुमत साबित किया. 288 सीटों वाली विधानसभा में सरकार के पक्ष में 169 वोट पड़े. वहीं चार विधायक तटस्थ बने रहे.
बीजेपी ने सदन की इस कार्रवाई को गैरकानूनी करार दिया. पार्टी नेता और पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि यह सत्र असंवैधानिक है. प्रो-टेम स्पीकर की नियुक्ति भी असंवैधानिक है. हम राज्यपाल से मांग करेंगे कि यह सारी कार्यवाही निरस्त की जाए.
फडणवीस ने उद्धव ठाकरे की शपथ को भी गलत बताया. उन्होंने कहा कि शपथ राज्यपाल के मुताबिक नहीं ली गई है. शपथ में ऐसे नाम शामिल थे, जो नहीं होने चाहिए थे. बीजेपी विधायकों ने हंगामा करते हुए फ्लोर टेस्ट के ठीक पहले सदन के वाकआउट कर दिया.
महाराष्ट्र में 21 अक्टूबर को विधानसभा चुनाव की वोटिंग हुई थी. इस चुनाव के नतीजे 24 अक्टूबर को आए थे. इन नतीजों में बीजेपी ने 105 सीटें जीतीं. शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस ने क्रमश: 56, 54 और 44 सीटों पर जीत दर्ज की.
बता दें कि बीजेपी और शिवसेना ने गठबंधन के तहत यह चुनाव लड़ा था. हालांकि चुनाव के नतीजों के बाद शिवसेना ने बीजेपी से सत्ता साझेदारी के 50-50 फॉर्मूले के तहत मुख्यमंत्री पद की मांग की. शिवसेना की इस मांग को बीजेपी ने खारिज कर दिया, जिसके बाद दोनों पार्टियों का गठबंधन टूट गया.
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