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Tokyo Olympics: सोने सा खेल दिखा हॉकी का कांस्य जीता भारत, जर्मनी को 5-4 से मात

Indian Hockey टीम ने ओलंपिक में 41 साल बाद मेडल हासिल किया है.

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भारत की पुरुष हॉकी टीम ने टोक्यो ओलंपिक (Tokyo Olympics) में ब्रॉन्ज मेडल जीत लिया है. टीम इंडिया ने जर्मनी से 5-4 से हरा दिया है. भारतीय हॉकी टीम ने ओलंपिक में 41 साल बाद मेडल हासिल किया है. टीम इंडिया ने कड़े मुकाबले में ये मैच जीता है. सिमरनजीत सिंह ने दो गोल दागे.

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भारतीय हॉकी टीम आखिरी बार साल 1980 के मास्को ओलंपिक के फाइनल में पहुंची थी, कांस्य पदक की बात की जाए तो भारत ने 1972 के म्यूनिख ओलंपिक में नीदरलैंड्स को हराकर यह पदक जीता था.

इसबार भी भारत के पास फाइनल में पहुंचने का मौका था लेकिन टोक्यो अलंपिक के सेमीफाइनल में बेल्जियम के हाथों 2-5 से मैच हारकर यह मौका गंवा दिया.

कैसे भारत ने पलटा खेल

खेल के शुरुआत में टीम इंडिया पर जर्मनी की टीम हावी दिख रही थी, जर्मनी ने मैच के दूसरे ही मिनट में अपना खाता खोल लिया था. जर्मनी की तरफ से तिमूर ओरुज ने पहला गोल दागा था. इसके बाद टीम इंडिया ने 17वें मिनट में खाता खोला. टीम इंडिया के सिमरनजीत सिंह ने जोरदार खेल दिखाते हुए जर्मन गोलकीपर को छकाया और गोल करने में सफल रहे.

इसके बाद जर्मनी ने 24वें मिनट पर दूसरा गोल दागा और देखते-देखते एक मिनट के अंदर लगातार तीसरा गोल फुर्क बेनेडिक्ट ने 25वें मिनट में किया. लेकिन मैच में पिछड़ती टीम इंडिया ने अपनी वापसी किया. 27वें मिनट में सिमरनजीत सिंह ने पैनल्टी कॉर्नर पर शॉट खेला जिसे जर्मनी के गोलकीपर ने रोका लेकिन गेंद रिफ्लेक्ट हुई और हार्दिक ने फायदा उठाकर सीधा गोल पोस्ट में भेज दिया.

दूसरे क्वार्टर के खत्म होने से पहले 29वें मिनट में हरमनप्रीत ने शानदार गोल कर 3-3 के बराबरी पर ला दिया.

इसके बाद तो भारत नहीं रुका और एक के बाद एक गोल कर 5-3 की लीड ले ली. रुपिंदर पाल सिंह ने 31वें मिनट में पेनाल्टी स्ट्रोक पर भारत के लिए चौथा गोल किया जबकि हर्मनप्रीत सिंह ने 34वें मिनट में अपना दूसरा और टीम के लिए पांचवां गोल किया.

जर्मन टीम भी हार मानने वाली नहीं थी. उसने 48वें मिनट में अपना चौथा गोल कर मैच में रोमांच ला दिया. जर्मनी के लिए यह गोल लुकास विंडफेडर ने पेनाल्टी कार्नर पर किया. अब स्कोर 4-5 हो चुका था. आखिरी समय में जर्मन टीम ने कई हमले किए लेकिन भारतीय डिफेंस मुस्तैद था. उसने तमाम हमलों को नाकाम कर स्कोर की रक्षा की और 41 साल से चले आ रहे सूखे को समाप्त किया.

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