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Sputnik V वैक्सीन को SEC की मंजूरी: कितनी प्रभावी? क्या है कीमत?

देश में दी जा रहीं सभी कोरोना वैक्सीनों में सबसे ज्यादा प्रभावी होगी Sputnik V

Published
भारत
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भारत सरकार की सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमेटी (SEC) ने रूस की कोविड वैक्सीन Sputnik V को मंजूरी देने की सलाह दी है. अब भारत के ड्रग रेगुलेटर को इस पर फैसला लेना है. 11 अप्रैल को न्यूज एजेंसी ANI ने सूत्रों के हवाले से खबर दी थी कि इस साल की तीसरी तिमाही तक भारत में Sputnik V समेत पांच और वैक्सीन आ जाएंगी. देश के कई राज्य इस समय कोरोना वैक्सीन की कमी का दावा कर रहे हैं, ऐसे में Sputnik V को मंजूरी मिलती है तो ये वैक्सीनेशन के लिए बूस्ट का काम करेगा.

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कैसे बनाई गई है Sputnik V?

Oxford-AstraZeneca वैक्सीन की तरह ही Sputnik V भी कॉमन कोल्ड वायरस एडिनोवायरस-वेक्टर आधारित वैक्सीन है. इसमें कोरोना वायरस का स्पाइक प्रोटीन बनाने का जेनेटिक निर्देश है, जिससे ये शरीर में जाकर इम्यून प्रतिक्रिया शुरू करती है.

अगस्त 2020 में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने Sputnik V के निर्माण का ऐलान किया था.

Sputnik V को रूस की गमालेया नेशनल रिसर्च इंस्टीट्यूट ऑफ एपिडिमियोलॉजी एंड माइक्रोबायोलॉजी ने डेवलप किया है. इसके लिए रशियन डायरेक्ट इंवेस्टमेंट फंड (RDIF) ने फंडिंग की है. RDIF ने भारत की कई फार्मा कंपनियों के साथ Sputnik V के प्रोडक्शन के लिए डील की है.

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कितनी प्रभावी है वैक्सीन?

सितंबर 2020 में हैदराबाद स्थित डॉ रेड्डी लैबोरेट्रीज ने RDIF के साथ भारत में क्लीनिकल ट्रायल्स करने के लिए हाथ मिलाया था.

कंपनी ने एक प्रेस रिलीज में बताया था कि Sputnik V की प्रभावकारिता 91.6 फीसदी है. ये फेज 3 क्लीनिकल ट्रायल के डेटा के आकलन से पता चला था. इस ट्रायल में रूस में 19,866 लोग शामिल हुए थे. इन लोगों को वैक्सीन की दो डोज दी गई थीं.

डॉ रेड्डी लैबोरेट्रीज ने कहा, “60 साल से ज्यादा उम्र के 2144 लोगों में वैक्सीन की प्रभावकारिता 91.8 फीसदी रही.”

भारत का ड्रग रेगुलेटर अगर वैक्सीन को मंजूरी दे देता है तो ये देश में दी जा रहीं सभी कोरोना वैक्सीनों में सबसे ज्यादा प्रभावी होगी.  
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कहां बनाई जाएगी Sputnik V?

रशियन डायरेक्ट इंवेस्टमेंट फंड (RDIF) ने भारत में कम से कम पांच फार्मा कंपनियों से वैक्सीन प्रोडक्शन के लिए समझौता किया है. इसमें डॉ रेड्डी लैबोरेट्रीज के अलावा Hetero Biopharma (100 मिलियन डोज), Gland Pharma (252 मिलियन डोज), Stelis Biopharma (200 मिलियन डोज) और Virchow Biotech (200 मिलियन डोज) शामिल हैं.

कुल मिलाकर भारत में Sputnik V की प्रोडक्शन क्षमता लगभग 850 मिलियन डोज सालाना की होगी.

इसके अलावा Panacea Biotec जैसी कंपनियां Sputnik V का प्रोडक्शन सिर्फ एक्सपोर्ट के लिए भी करेंगी. सबसे बड़ी फार्मा कंपनियों में से एक मैनकाइंड और RDIF के बीच भी समझौते को लेकर बातचीत चल रही है.

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कितनी डोज लगाई जाएंगी?

भारत में अभी दी जा रहीं Covishield और Covaxin की तरह ही Sputnik V की भी दो डोज लगाई जाएंगी.

कीमत कितनी होगी?

Sputnik V की कीमत पर अभी कोई फैसला नहीं हुआ है, लेकिन रिपोर्ट्स के मुताबिक एक डोज की कीमत 500 से 700 रुपये हो सकती है. नवंबर 2020 में RDIF ने कहा था कि इंटरनेशनल मार्केट के लिए डोज का दाम किफायती रखते हुए 10 डॉलर के करीब रखा जाएगा. भारत के हिसाब से ये 700-750 रुपये होता है.

इसका मतलब ये होगा कि Sputnik V की कीमत Covishield और Covaxin से ज्यादा हो सकती है. Covishield जहां 200 रुपये प्रति डोज है, वहीं Covaxin की कीमत 295 रुपये है. फिर भी Sputnik V वैक्सीन मॉडर्ना और फाइजर की वैक्सीन से सस्ती ही पड़ेगी.

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किन देशों में दी जा रही है Sputnik V?

रूस की कोरोना वैक्सीन फिलहाल 40 से ज्यादा देशों में लोगों को दी जा रही है. इन देशों में ईरान, बहरीन, लेबनान, बेलारूस, सर्बिया, पाकिस्तान, बोलीविया, वेनेजुएला शामिल हैं.

क्या हैं साइड इफेक्ट?

वैक्सीन डेवलप करने वाली कंपनी ने नवंबर 2020 में कहा था कि ‘रिसर्च में कोई अनापेक्षित साइड इफेक्ट’ देखने को नहीं मिला है. \

हालांकि, वैक्सीन लेने वाले लोगों में कुछ समय के लिए बुखार, कमजोरी, सरदर्द की शिकायत देखी गई है.

कैसे की जाएगी स्टोर?

Sputnik V वैक्सीन को दो से आठ डिग्री सेल्सियस (35.6 से 46.4 डिग्री फारेनहाइट) तापमान पर स्टोर किया जा सकता है.

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