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भीमा कोरेगांव: NIA कोर्ट ने खारिज की स्टेन स्वामी की जमानत याचिका

स्टेन स्वामी पार्किंसन्स बीमारी से जूझ रहे हैं. उन्हें दोनों कानों में सुनने में भी तकलीफ है.

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भारत
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स्पेशल नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) कोर्ट ने भीमा कोरेगांव मामले में ट्राइबल राइट्स एक्टिविस्ट स्टेन स्वामी (Stan Swamy) की जमानत याचिका खारिज कर दी है. स्वामी ने स्वास्थ्य कारणों से जमानत की याचिका डाली थी, जिसे 22 मार्च को कोर्ट ने खारिज कर दिया. स्वामी को 8 अक्टूबर 2020 में गिरफ्तार किया गया था. वो मुंबई की तलोजा जेल में बंद हैं.

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स्टेन स्वामी पार्किंसन्स बीमारी से जूझ रहे हैं. उन्हें दोनों कानों में सुनने में भी तकलीफ है, और कई बार जेल में गिर भी चुके हैं. LiveLaw के मुताबिक, उनके हर्निया के दो ऑपरेशन हो चुके हैं. उनके पेट में भी दर्द रहता है.

83 साल के स्वामी को अक्टूबर 2020 में रांची स्थित उनके घर से गिरफ्तार किया गया था. स्वामी का नाम उन आठ लोगों में शामिल है, जिन पर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हत्या की कथित साजिश रचने और भीमा कोरेगांव में हुई हिंसा को कथित तौर पर भड़काने के आरोप हैं.

अक्टूबर 2020 में भी स्वामी ने मेडिकल आधार पर जमानत को लेकर याचिका दायर की थी, लेकिन स्पेशल NIA कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी थी. NIA ने तर्क दिया था कि स्वामी को UAPA के तहत गिरफ्तार किया गया है इसलिए उन्हें जमानत नहीं दी जा सकती.

इस मामले में दूसरे आरोपी कवि और विचारक 81 साल के वरवर राव को 29 महीने बाद फरवरी 2021 में मेडिकल आधार पर छह महीने के लिए जमानत मिली थी.
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भीमा-कोरेगांव मामला क्या है?

बता दें कि पुणे पुलिस के मुताबिक, 31 दिसंबर 2017 को पुणे में यलगार परिषद की सभा के दौरान भड़काऊ भाषण दिए गए थे, जिसके चलते जिले में अगले दिन (एक जनवरी 2018) को भीमा-कोरेगांव युद्ध स्मारक पर जातीय हिंसा भड़क गई थी.

पुलिस ने दावा किया था कि सभा को माओवादियों का समर्थन हासिल था. इस मामले में सुधीर धवले, रोना विल्सन, सुरेंद्र गाडलिंग, महेश राउत, सोम सेन, अरुण परेरा समेत कई लोगों को गिरफ्तार किया गया था.

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