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महामारी के बाद क्लास 4 के 11% छात्र घड़ी देखना तक भूले- स्टडी 

कोरोना में स्कूल बंद होने से बच्चों की सीखने की क्षमता पर पड़ा असर

Published
भारत
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कोरोना महामारी की वजह से पिछले 9 महीनों से देशभर के स्कूल बंद रहे जिसका सीधा असर बच्चों की पढ़ाई पर हुआ है. इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि इस दौरान बच्चे मैथ्स की बेसिक कैल्कुलेशन और रीडिंग स्किल भूल गए. नौबत ये है कि अजीम प्रेमजी फाउंडेशन की स्टडी में यह पता चला है कि तीसरी कक्षा के 11 प्रतिशत छात्र मैथ्स की बेसिक कैल्कुलेशन और नंबर रीडिंग स्किल्स को भूल गए हैं.

छत्तीसगढ़, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, राजस्थान और उत्तराखंड के करीब 1137 स्कूल के 16 हजार छात्रों को इस स्टडी में कवर किया गया. जनवरी, 2020 में ये स्टडी शुरू की गई. स्टडी पर आधारित ‘Loss of Learning During the Pandemic’ रिपोर्ट पब्लिश की गई, जिसमें ये बातें सामने आईं.

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ये चौंकाने वाले तथ्य तब वक्त सामने आए जब कई रिपोर्ट्स में यह दावा किया गया है कि स्मार्टफोन और अन्य इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस के अभाव में देश में 27 से 80 प्रतिशत बच्चों को ऑनलाइन क्लास की सुविधा नहीं मिल पा रही है.

रिपोर्ट की बड़ी बातें

  • स्टडी में सामने आया है कि क्लास 2 और 6 के 92 प्रतिशत बच्चे पूरी तरह से भाषा की एक विशेष क्षमता को भूल गए हैं. इसी प्रकार 82 प्रतिशत बच्चे गणित की एक विशिष्ठ क्षमता को भूल चुके हैं.
  • क्लास 3 के 48 प्रतिशत बच्चे घटाव करना भूल गए हैं, वहीं 50 प्रतिशत बच्चे कविता सुनने के बाद उसे दोहरा नहीं पाते हैं.
  • क्लास 2 से लेकर 6 के बच्चे नंबर की पहचान और दैनिक जीवन में होने वाले बेसिक अर्थमेटिक ऑपरेशन, प्रॉब्लम और डाटा सोलविंग ऑपरेशन भूल गए हैं.
  • क्लास 2 के करीब 20 प्रतिशत छात्र सिंगल डिजिट नंबर की पहचान करने की क्षमता खो चुके हैं जबकि क्लास 3 के 37 प्रतिशत छात्र दो अंकों को जोड़ नहीं पाते हैं.
  • इस स्टडी में हैरान करने वाली बात यह है कि क्लास 4 के 70 प्रतिशत बच्चे तीन अंकों के बड़े या छोटे अंकों की पहचान नहीं कर पाए. वहीं क्लास 5 के दो अंकों के नंबर का गुणा नहीं कर पाए.
  • क्लास 6 के 40 प्रतिशत बच्चे 4 अंकों की संख्या का सिंगल नंबर से विभाजन करना भूल गए.
  • क्लास 2 के करीब 71 प्रतिशत छात्र प्रिंट हुए नंबर को पहचान नहीं पाए. जबकि क्लास 3 के 46 प्रतिशत बच्चों को किसी तस्वीर के बारे में लिखने में दिक्कत आई है.
  • क्लास 6 के 43 प्रतिशत बच्चे पैसेज का उत्तर देने में फेल हुए, वहीं 23 प्रतिशत छात्र न्यूज पेपर का कंटेंट पढ़ने में असफल रहे.
  • क्लास 6 के ही करीब 54 प्रतिशत बच्चे उनके आसपाल हो रही घटनाओं के बारे में कुछ लिख नहीं पाए.

इस स्टडी में सामने आए तथ्य बता रहे हैं कि बच्चों की सीखने की क्षमता पर बुरा असर पड़ा है. आने वाले दिनों में भी स्कूलों के बंद रहने और ऑनलाइन क्लास की सुविधा न होने पर स्थिति और खराब हो सकती है.

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