सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को, ट्विटर और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर फेक न्यूज, हेट मैसेज और भड़काऊ कंटेंट से निपटने के लिए एक तंत्र की मांग करने वाली याचिका पर सरकार और ट्विटर को नोटिस जारी किया है. एनडीटीवी की एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है.
बीजेपी नेता विनीत गोयनका ने पिछले साल मई में एक याचिका दायर की थी, जिसमें सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर फेक अकाउंट्स के जरिए नफरत और फेक न्यूज फैलाने पर लगाम कसने के लिए एक तंत्र की मांग की गई.
याचिका में कहा गया कि प्रतिष्ठित लोगों के नाम पर सैकड़ों फर्जी ट्विटर हैंडल और फेसबुक अकाउंट हैं.
इस याचिका पर नोटिस ऐसे वक्त में जारी हुए हैं, जब केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने गुरुवार को फेसबुक, ट्विटर, वॉट्सऐप और लिंक्डइन जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को आगाह किया था कि अगर भारत में उनका इस्तेमाल झूठी खबरें फैलाने, हिंसा या नफरत को बढ़ावा देने में किया जाता है तो उनके खिलाफ सख्ती की जाएगी.
हालांकि, प्रसाद ने कहा था कि भारत के डिजिटल इंडिया कार्यक्रम में सोशल मीडिया की अहम भूमिका रही है. उन्होंने कहा था कि सरकार आलोचना के अधिकार का भी सम्मान करती है लेकिन ऐसे प्लेटफॉर्म्स को देश के संविधान और कानूनों का पालन करना होगा.
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