दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण के चलते कंस्ट्रक्शन के कामों पर लगा बैन सुप्रीम कोर्ट ने हटा दिया है. प्रदूषण के खतरनाक स्तर पर पहुंचने के बाद 4 नवंबर को दिल्ली-एनसीआर में सभी तरह के निर्माण पर बैन लगाया गया था. जस्टिस अरुण मिश्रा और दीपक गुप्ता ने बिल्डर्स की याचिका पर सुनवाई करते हुए ये फैसला दिया.
दिवाली और पंजाब-हरियाणा में पराली जलाने के कारण दिल्ली-एनसीआर की हवा काफी जहरीली हो गई थी. मामले की गंभीरता को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने 4 नवंबर को दिल्ली-एनसीआर में सभी तरह के कंस्ट्रक्शन पर बैन लगा दिया था.
इस आदेश में 9 दिसंबर को बदलाव किया गया था. पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड को सुनने के बाद कोर्ट ने कंस्ट्रक्शन के काम में दिन में छूट देने का फैसला किया था. कोर्ट ने केवल शाम 6 बजे से लेकर सुबह 6 बजे तक बैन लगाया था.
खतरनाक स्तर पर पहुंच गया था प्रदूषण
दिल्ली में एयर क्वालिटी इंडेक्स 600 तक पहुंच गया था, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार को फटकार लगाई थी. कोर्ट ने कहा था, 'दिल्ली बहुत बुरे हालात से गुजर रही है. एयर क्वॉलिटी इंडेक्स लगभग 600 तक पहुंच चुका है. लोग आखिर कैसे सांस लेंगे?'
दिल्ली सरकार ने भी प्रदूषण की रोकथाम के लिए ऑड-ईवन फॉर्मूला लागू किया था. वहीं, पानी का छिड़काव भी किया गया था.
अक्टूबर महीने में दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण का गिरता स्तर हर साल की परेशानी बन गया है. पंजाब-हरियाणा में पराली जलाने और दिवाली में पटाखे फोड़ने के कारण हुए धुएं से लोगों का सांस लेना दूभर हो जाता है.
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