मध्य प्रदेश सियासी घमासान पर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है. सुप्रीम कोर्ट ने कल यानी कि 20 मार्च को फ्लोर टेस्ट कराए जाने का आदेश दिया है. ये आदेश कमलनाथ सरकार के लिए बड़ा झटका है.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि फ्लोर टेस्ट हाथों के प्रदर्शन से होगा. फ्लोर टेस्ट को कल शाम 5 बजे तक पूरा करना होगा.
फ्लोर टेस्ट की वीडियो रिकार्डिंग होगी
सुप्रीम कोर्ट ने ये कहा कि अगर बागी विधायक विधानसभा में आना चाहते हैं तो कर्नाटक के DGP और मध्य प्रदेश के DGP दोनों उन्हें सुरक्षा मुहैया कराएं. फ्लोर टेस्ट की वीडियो रिकार्डिंग की जाए.
मध्य प्रदेश बीजेपी ने सुप्रीम कोर्ट ने फैसले का स्वागत किया है. बीजेपी नेता और पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा, “हम सुप्रीम कोर्ट के फैसले का शीर्ष झुकाकर स्वागत करते हैं. हमारा विश्वास है कमलनाथ की सरकार अल्पमत में है. ये जनता के साथ धोखा करने वाली सरकार है. फ्लोर टेस्ट पर ये सरकार पराजय होगी और नई सरकार बनेगी. ”
“मैं इस फैसले का स्वागत करता हूं. कल फ्लोर टेस्ट में सब कुछ स्पष्ट हो जाएगा.”गोपाल भार्गव, बीजेपी नेता
वहीं मध्य प्रदेश कांग्रेस नेता पीसी शर्मा ने सहा, “सरकार सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का पालन करेगी. उन 16 लोगों (विधायकों) को भी लाया जाना चाहिए. शाम को कांग्रेस विधायक दल की बैठक है सभी विधायकों से साथ बात करके कमलनाथ जी अपनी स्ट्रेटजी तैयार करेंगे.”
क्या है मौजूदा स्थिति
विधानसभा की वर्तमान स्थिति पर गौर करें तो 230 सदस्यों मे से दो स्थान खाली हैं, छह विधायकों के इस्तीफे मंजूर किए जा चुके हैं, अब सदन में कांग्रेस के 108, बीजेपी के 107, बीएसपी के दो, एसपी का एक और निर्दलीय चार विधायक हैं. कांग्रेस के कुल 22 विधायकों ने इस्तीफा दे दिया था, जिसमें छह का इस्तीफा मंजूर हो चुका है अगर 16 विधायकों का भी इस्तीफा मंजूर हो जाता है तो कांग्रेस के पास 92 विधायक बचेंगे. अगर कांग्रेस को एसपी, बीएसपी और निर्दलीय विधायकों का समर्थन हासिल भी रहता है तो विधायकों की संख्या 99 ही हो पाती है.
राज्य की विधानसभा में 228 में से 22 विधायकों को कम किए जाने पर विधायकों की कुल संख्या 206 रह जाएगी और बहुमत के लिए 104 सदस्यों की जरूरत होगी, इस तरह बीजेपी के पास बहुमत से तीन ज्यादा होंगे और कांग्रेस के पास बहुमत से पांच कम.
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