सुप्रीम कोर्ट ने 10 जुलाई को लीगल प्रक्रिया शुरू करने में जरूरी समन और नोटिस भेजने के लिए कई डिजिटल जरियों को मंजूरी दे दी है. कोर्ट ने समन और नोटिस को WhatsApp के साथ-साथ ईमेल और फैक्स के जरिए भेजने को इजाजत दी है. CJI एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली बेंच ने ये रूलिंग दी है.
बेंच ने कहा, "कोर्ट को बताया गया है कि नोटिस, समन और प्लीडिंग पहुंचाने के लिए पोस्ट ऑफिस जाना मुमकिन नहीं है." बेंच में CJI के अलावा जस्टिस एएस बोपन्ना और जस्टिस आर सुभाष मौजूद रहे.
बेंच ने कहा कि नोटिस और समन ईमेल के जरिए उसी दिन भेजे जाएं और साथ ही WhatsApp या दूसरे फोन मेसेंजर सर्विस के जरिए इंस्टेंट मेसेज भी भेजा जाए. कोर्ट ने कहा, “दो ब्लू टिक का मतलब होगा कि रिसीवर ने नोटिस देख लिया है.”
कोर्ट ने अटॉर्नी जनरल की खास तौर से WhatsApp को सर्विस का जरिया बनाने का निवेदन नहीं माना. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सिर्फ WhatsApp को चुनना प्रैक्टिकल नहीं होगा.
वहीं, 7 जुलाई को इस मामले में सुनवाई के दौरान अटॉर्नी जनरल ने कहा था कि केंद्र को WhatsApp जैसी मोबाइल एप्लीकेशन का समन भेजने में इस्तेमाल पर कुछ आपत्ति है. अटॉर्नी जनरल ने कहा कि ये ऐप एन्क्रिप्टेड होने का दावा करते हैं और ये भरोसे के लायक नहीं.
चेक की वैधता बढ़ाने को मंजूरी
सुप्रीम कोर्ट ने RBI को कोरोना वायरस महामारी की वजह से चेक की वैधता बढ़ाने की इजाजत दे दी है. कोर्ट ने कहा कि चेक की वैधता की सीमा बढ़ाना RBI के विवेक पर निर्भर करेगा.
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