घर खरीदने वाले लोगों को सुप्रीम कोर्ट की तरफ से एक बड़ी राहत मिली है. सुप्रीम कोर्ट ने दिवालिया एवं ऋण शोधन अक्षमता संशोधन कानून (Insolvency and Bankruptcy Code-IBC) को बरकरार रखा है. अब अगर कोई भी रियल एस्टेट कंपनी खुद को दिवालिया घोषित करती है तो उसकी संपत्ति की नीलामी में घर खरीददारों को भी अपना हिस्सा मिलेगा.
इस कानून के खिलाफ कई रियल एस्टेट कंपनियों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. जिस पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कंपनियों की याचिका खारिज कर दी. जिससे आम लोगों को धोखा मिलने की स्थिति में राहत मिलेगी.
कई कंपनियों में फंसा है लोगों का पैसा
देशभर में कई रियल एस्टेट कंपनियां ऐसी हैं, जिन्होंने लोगों को घर देने का वादा तो किया लेकिन बीच राह मे हाथ खड़े कर दिया. ऐसी कंपनियां खुद को नुकसान में बताकर दिवालिया घोषित हो गईं. जिसके बाद कार्रवाई के तौर पर ऐसी कंपनियों और उनके मालिकों की संपत्तियां जब्त की जाती हैं. पहले जब्त की गई संपत्ति का पूरा पैसा बैंक को मिलता था, लेकिन अब घर खरीदने वाले लोगों को भी इसमें से हिस्सा दिया जाएगा.
आम्रपाली घर खरीदारों को मिली थी राहत
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने रियल एस्टेट कंपनी आम्रपाली के घर खरीदारों को भी बड़ी राहत दी थी. सुप्रीम कोर्ट ने आम्रपाली मामले में फैसला सुनाते हुए कहा है कि अब NBCC घर बना कर देगी. सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद धोखे का शिकार हुए हजारों घर खरीदारों को फायदा मिलेगा. बता दें कि आम्रपाली ग्रुप में कई लोगों ने अपने लाखों रुपये लगाए. लेकिन सालों की जमा पूंजी लगाकर उन्हें घर नहीं मिला.
आम्रपाली पर सुप्रीम कोर्ट ने कड़ा रुख अपनाया है. इससे पहले अदालत ने आम्रपाली ग्रुप के खिलाफ कड़ी टिप्पणी करते हुए कोर्ट ने कहा था कि कंपनी के मालिकों ने लोगों को धोखा दिया है. यह गंभीर धोखाधड़ी का मामला है. जो भी ताकतवर लोग उनके पीछे खड़े हैं उनमें से किसी को नहीं छोड़ा जाएगा. सबके खिलाफ क्रिमिनल केस चलेगा. अथॉरिटी और बैंकर्स ने भी लोगों का विश्वास तोड़ने का काम किया है इसलिए खरीदारों को इतनी दिक्कतें उठानी पड़ी हैं.
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