सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की बेंच में से तीन जजों ने आधार को संवैधानिकता को लेकर अपना फैसला सुना दिया है. जस्टिस ए के सीकरी , डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस अशोक भूषण ने अपने फैसले सुनाए. चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने अलग से कोई फैसला नहीं सुनाया. जस्टिस ए के सीकरी ने अपनी, चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा और जस्टिस खानविलकर की ओर से फैसला सुनाया. जबकि डीवाई चंद्रचूड़ ने असहमति का फैसला सुनाया.
जस्टिस सीकरी ने आधार पर फैसलता सुनाते हुए कहा कि यह अद्वितीय है और अद्वितीय होना सर्वेश्रेष्ठ होने से अच्छा है. उन्होंने आधार के उल्लंघन पर प्राइवेसी के अधिकार को पहुंचने वाली चोट पर भी सवाल उठाया. एक नजर सुप्रीम कोर्ट में आधार को लेकर बहुमत और अल्पमत के फैसले पर.
यूनिक होना सर्वश्रेष्ठ होने से अच्छा है
आधार यूनिक है
आधार कार्ड और पहचान में बुनियादी अंतर है
गरिमापूर्ण जीवन प्राइवेसी के अधिकार का हिस्सा
पूरा आधार प्रोजेक्ट गैर संवैधानिक
कानून के राज को सुरक्षित रखना होगा
आधार प्राइवेसी का हनन करता है
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