पूरे देश में आज जनता कर्फ्यू लागू है. इस बीच शाहीन बाग में प्रतीकात्मक धरना प्रदर्शन जारी है. वहां केवल 5 दादियां ही मौजूद हैं. जूते और चप्पलों को भी प्रतीकात्मक तौर पर रखा गया है. किसी भी बाहरी पुरूष की एंट्री परिसर में बैन कर दी गई है.
बता दें शाहीनबाग में नागरिकता संशोधन अधिनियम के खिलाफ धरना प्रदर्शन चल रहा है. नागरिकता संशोधन अधिनियम के तहत पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से आने वाले 6 धर्मों के नागरिकों को नागरिकता देने के प्रावधान में तेजी लाई जा रही है. लेकिन इनमें मुस्लिम शामिल नहीं हैं.
देखें शाहीनबाग की कुछ तस्वीरें-
- 01/05शाहीन बाग में पुरुषों की एंट्री फिलहाल बैन कर दी गई हैफोटो: क्विंट हिंदी
- 02/05खाली मंच पर दादीफोटो: क्विंट हिंदी
- 03/05सुनसान सड़केंफोटो: क्विंट हिंदी
- 04/05शाहीनबाग में जूते-चप्पलों को प्रतीक बनाकर आज का धरना दिया जा रहा हैफोटो: क्विंट हिंदी
- 05/05जनता कर्फ्यू के बीच खाली सड़केंफोटो: क्विंट हिंदी
विरोध प्रदर्शन करने वालों का कहना है कि इस कानून के जरिए नागरिकता को पहली बार धर्म आधारित बनाया जा रहा है. लेकिन एनआरसी के साथ मिलकर इस कानून के नतीजों से लोगों में ज्यादा उथल-पुथल की स्थिति बनी है.
बता दें सीएए विरोध प्रदर्शनों का समर्थन कर रहे लोगों ने भी कोरोना के चलते इन प्रदर्शनों को तात्कालिक तौर पर बंद करने की बात कही है.
स्वरा भास्कर ने ट्विटर पर लिखा,
पूरे विश्व में कोरोनावायरस फैला है. ये वायरस बेहद खतरनाक है, जिससे निपटने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों ने अलग-अलग नियम बनाए हैं, जिसका एक जिम्मेदार नागरिक होने के नाते पालन करना हमारा फर्ज है. मैं सीएए और एनआरसी के खिलाफ प्रदर्शन करने वाले लोगों से ये अपील करती हूं, कि वर्तमान की स्थिति देकर बहुत जरूरी है कि हम भी देश को सुरक्षित रखने के लिए जो हो सके वो करें.
इस बीच भारत में कोरोना वायरस से निपटने की कोशिशें तेज हो गई हैं.
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