भारत में मंदी की वजह से ऑटो सेक्टर की कमर टूटती दिख रही है. ऑटो मोबाइल कंपनियों को नए साल में आने वाले बजट से काफी उम्मीदें हो सकती है. इस बीच ऑडी इंडिया के प्रमुख बलबीर सिंह ढिल्लन ने कहा है कि लग्जरी गाड़ियों की बिक्री पर काफी असर पड़ा है, जिसका सीधा कारण इन पर लगने वाला हाई टैक्स और चार्ज है.
लग्जरी कारों की बिक्री जीएसटी की हाई टैक्स, इम्पोर्ट चार्ज और रजिस्ट्रेशन टैक्स की वजह से प्रभावित हुई है. इस वजह से लग्जरी कार बाजार की कुल बाजार में हिस्सेदारी मात्र 1.2 प्रतिशत रह गई है.बलबीर सिंह ढिल्लन, ऑडी इंडिया प्रमुख
'टैक्स और चार्ज कम होना चाहिए'
ढिल्लन ने कहा कि लग्जरी कार बाजार की प्रत्येक प्रमुख कंपनी की बिक्री पिछले साल घटी है. ऐसे में हम सरकार-जीएसटी काउंसिल से जीएसटी रेट में कटौती की मांग करते हैं. इसके अलावा इम्पोर्ट चार्ज में भी कमी लाई जानी चाहिए और लग्जरी कारों के लिए रजिस्ट्रेशन की लागत को आसान बनाया जाना चाहिए.
बीते साल यानी 2019 में ऑडी कंपनी की बिक्री 28.92 प्रतिशत घटकर 4,594 यूनिट रह गई, जो 2018 में 6,463 यूनिट थी.
लग्जरी कारों की बिक्री 2018 में 40,340 यूनिट थी
भारत के लग्जरी कार बाजार की पांच प्रमुख कंपनियां मर्सिडीज, बीएमडब्ल्यू, ऑडी, जेएलआर और वोल्वो हैं. 2018 में इन कंपनियों की पूरी बिक्री 40,340 यूनिट रही थी. 2019 में बिक्री का आंकड़ा और नीचे आने की आशंका है. अभी कई कंपनियों में भारत में अपनी बिक्री के आंकड़े जारी नहीं किए हैं.
जीएसटी दर में कटौती की उम्मीद
कार निर्माता उम्मीद कर रहे हैं कि सरकार कुछ गाड़ियों पर जीएसटी दर 28 फीसदी से घटाकर 18 फीसदी करेगी. हालांकि जीएसटी के रूप में सरकार के लिए राजस्व बटोरने का एक महत्वपूर्ण श्रोत होने के कारण वे इसके लिए ज्यादा आशान्वित भी नहीं हैं. क्योंकि पिछले बजट में भी कार के लिए सरकार ने जीएसटी स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया था.
कार निर्माताओं ने पुरानी कार को हटाकर नई कार खरीदने वालों के लिए जीएसटी, रजिस्ट्रेशन और रोड टैक्स में सामूहिक रूप से 50 फीसदी कटौती करने का प्रस्ताव दिया है.
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