ये किस्सा एकदम फिल्मी है.
इसमें जमीन का विवाद है. पुलिस है. कानून के लंबे हाथ हैं. एक सरकारी बाबू है. और एक है ग्राम प्रधान, जिसे एक चायवाला मारना चाहता है. अपने इन्तिक़ाम के लिए. इस मर्डर की परमिशन लेने के लिए वह पीएम मोदी को भी चिट्ठी लिख चुका है.
दैनिक भास्कर की खबर के मुताबिक, अब उस चायवाले पर फूलपुर थाने में धारा 107/116 लगाई गई है. एसओ ने कहा है कि शांति भंग होने के अंदेशे पर यह लागू होगी.
अब समझिए मामला क्या है...
यह मामला बनारस से सटे फूलपुर के बिंदा गांव का है, जहां राजेंद्र यादव की जमीन है. पेशे से वो चायवाले हैं और गांव के पास करखियांव एग्रो पार्क में झुग्गी लगाकर चाय बेचते हैं.
साल 2001 में एग्रो पार्क के लिए उसकी जमीन, मकान, पोखरा, बांस की कोठी-बगीचा सब कुछ मिलाकर करीब 10 बीघा जमीन अधिग्रहित कर ली गई थी. इसके बदले में ग्राम प्रधान ने उसे पार्क के पास दुकान लगाने की जगह दी थी.
राजेंद्र यादव से वादा किया गया था कि जमीन का पट्टा उनके नाम किया जाएगा, जो कि आज तक नहीं हो पाया. इस जमीन पर अब ग्राम समाज के लोग आपत्ति कर रहे हैं.
राजेंद्र 15 साल से पट्टे के लिए भटक रहे हैं और पुलिस-प्रशासन सबसे शिकायत कर चुके हैं. राजेंद्र का कहना है कि जन चौपाल में एसडीएम (पिंडरा) सुशील कुमार गौड़ ने भी उनकी बात नहीं सुनी थी.
धमकाने की जरूरत ऐसे पड़ी...
जब कहीं भी राजेंद्र की गुहार नहीं सुनी गई, तो राजेंद्र ने पीएम मोदी को लेटर लिखा. उन्होंने पत्र में धमकी दी कि उनकी मांग को जल्दी पूरा नहीं किया गया तो वह दोनों (क्षेत्रीय लेखपाल और पूर्व प्रधान) की हत्या करके सुसाइड करेंगे.
पीएम को लेटर लिखने का मामला सामने आने के बाद फूलपुर एसओ राजीव सिंह 21 जून को राजेंद्र को साथ लेकर एसडीएम (पिंडरा) सुशील कुमार गौड़ के ऑफिस पहुंचे और राजेंद्र पर धारा 107/116 लगा दी.
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