राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष तेजस्वी यादव का बंगला खाली कराने के गई पुलिस हंगामे की वजह से लौट गई. पटना के 5 देशरत्न मार्ग बंगला पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी को आवंटित है.
लेकिन जब तेजस्वी उपमुख्यमंत्री पद से हट गए तो सरकार ने उन्हें बंगला खाली करने का आदेश दिया. पुलिस जब वहां पहुंची तो पहले से आरजेडी समर्थकों ने इसका भारी विरोध किया.
तेजस्वी की तरफ से दलील दी गई है कि मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है इसलिए वहां से फैसला आने तक बंगला खाली नहीं कर सकते.
बंगले के बाहर एक पोस्टर चिपका हुआ है जिसमें लिखा है कि बंगला खाली कराने का मामला कोर्ट में है इसलिए अभी बंगला खाली नहीं किया जा सकता.
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आरजेडी समर्थक धरने पर बैठे
तेजस्वी इस वक्त पटना में नहीं हैं और कार्यकर्ताओं का आरोप है पुलिस जानबूझकर उनकी गैर-मौजूदगी में बंगला खाली कराने आई है. बंगले के बाहर आरजेडी के विधायक समेत नेता और कार्यकर्ता धरने पर बैठ गए हैं.
आरजेडी नेताओं ने बंगला खाली कराने में नीतीश कुमार सरकार को जिम्मेदार ठहराया है. राज्यसभा सांसद मनोज झा ने कहा कि सरकार निचले स्तर की राजनीति कर रही है.
तेजस्वी के भाई तेजप्रताप ने भी इस मामले में आवाज उठाई है.
नीतीश कुमार हमारे परिवार को परेशान करने पर उतारू हैं. तेजप्रताप के मुताबिक मामला सुप्रीम कोर्ट में है तो फिर सरकार क्यों परेशआन है. बंगले के बाहर पुलिस तैनात किए जाने पर तेजप्रताप ने कहा कि लालू परिवार से परेशानी है. लेकिन तेजस्वी यादव का बंगला कोई नहीं छीन सकता है.
पटना में 5 देशरत्न बंगला जब तेजस्वी यादव को अलॉट किया गया था तब वो उपमुख्यमंत्री थे. अब उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी हैं और बताया जा रहा है कि इस बंगले पर उनकी नजर है. लेकिन तेजस्वी यादव ने बंगला खाली करने के सरकारी आदेश को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में अर्जी लगाई और वहां से हार मिलने के बाद वो सुप्रीम कोर्ट चले गए हैं.
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