पिछले साल गर्मियों में पूरे देश में सोशल मीडिया पर बच्चे चुराने वाले गिरोहों के सक्रिय होने की अपवाहें चरम पर थीं. इन अफवाहों की वजह से लोगों ने बच्चा चोर समझ कर कुछ लोगों को पीट-पीट कर मार डाला था. इस साल भी ऐसी अफवाहें एक बार फिर सिर उठा रही हैं. इस बार ऐसी घटना ग्वालियर में देखने को मिली.
दावा
वॉट्सअप पर कुछ तस्वीरें वायल हो रही हैं. इनमें लोगों के हाथ पिट कर बुरी तरह घायल तीन लोगों को तस्वीरें हैं. इनके बारे में कहा जा रहा है ये बच्चा चोर हैं, जिन्हें लोगों ने आगरा के ट्रांसपोर्ट नगर में पकड़ा था. ये लोग बच्चों की किडनी निकाल कर बेचना चाहते थे.
इन तस्वीरोंके साथ दो वीडियो भी वायरल हो रहे थे. इनमें से एक फेसबुक पर था.
दावा सही या गलत ?
यह दावा बिल्कुल गलत और गुमराह करने वाला है. न तो यह घटना ट्रांसपोर्ट नगर में हुई और न ही इन तीन लोगों ने किसी बच्चे का अपहरण किया. दरअसल यह घटना मध्य प्रदेश के ग्वालियर की है. जहां 7 अगस्त को कुछ लोगों ने एक स्वयंभू बाबा ‘सखी बाबा’ और उसके दो चेलों की बच्चा चोरी के शक में पिटाई कर दी थी.
हमने क्या पाया ?
हालांकि इस फोटो के कैप्शन में यह दावा किया गया था कि घटना आगरा के ट्रांसपोर्ट नगर की है. लेकिन ‘द क्विंट’ ने पाया कि भीड़ के बीच खड़ी मोटरसाइकिल की नंबर प्लेट पर ‘MP O7’ लिखा है. जाहिर है यह तस्वीर मध्य प्रदेश की थी.
इसके अलावा इस तस्वीर में एक साइन बोर्ड भी दिख रहा था, जिसमें होली एजेंल स्कूल लिखा था. यह स्कूल ग्वालियर में है.
द क्विंट ने इस बारे में ग्वालियर जोन के आईजी राजा बाबू सिंह से संपर्क किया. उन्होंने वीडियो की जांच की. उन्होंने इस बात की पुष्टि की यह घटना ग्वालियर के शंकरपुरा इलाके में हुई थी. सिंह के मुताबिक सखी बाबा को बच्चा चोरी के शक में लोगों बुरी तरह पीटा था. पुलिस उन्हें बचा कर थाने ले आई थी. इसके साथ ही हमें हिंदी अखबार दैनिक भास्कर की भी एक खबर मिली, जिससे आईजी की बात की पुष्टि हुई.
ग्वालियर पुलिस की एडवाइजरी
ग्वालियर पुलिस ने इस मामले को लेकर एडवाइजरी जारी है. पुलिस ने कहा है कि सोशल मीडिया परअफवाह फैलाने और कानून में हाथ में लेने वाले लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. पुलिस ने अपील की है अगर कोई सोशल मीडिया पर अफवाह फैला रहा तो इसकी जानकारी उसे तुरंत दें.
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