देशभर में खरीफ फसलों (Kharif crops) की बुवाई रिकॉर्ड 11 करोड़ हेक्टेयर से ज्यादा भूमि में हो चुकी है, जोकि पिछले साल के मुकाबले 5.68 फीसदी ज्यादा है. तिलहनी फसलों के रकबे में 10 फीसदी से ज्यादा का उछाल आया है जबकि धान की बुवाई पिछले साल से पांच फीसदी से ज्यादा हुई है.
केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय की ओर से शुक्रवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक देशभर में खरीफ फसलों की बुवाई चालू सीजन में 1104.54 लाख (11.04 करोड़) हेक्टेयर है जोकि पिछले साल की इसी अवधि के आंकड़े 1045.18 लाख हेक्टेयर 5.68 फीसदी ज्यादा है.
मंत्रालय से मिली जानकारी के मुताबिक, धान की बुवाई अब भी जारी है जबकि दलहन, मोटे अनाज और तिलहन की बुवाई लगभग हो चुकी है. खरीफ सीजन के लिए बुवाई के अंतिम आंकड़े एक अक्टूबर 2020 को जारी होंगे. लिहाजा, बुवाई के रकबे में और इजाफा हो सकता है.
धान की बुवाई चालू सीजन में 402.25 लाख हेक्टेयर में हुई है, जबकि पिछले साल की इसी अवधि के दौरान धान का रकबा 373.87 लाख हेक्टेयर था. इस प्रकार धान रकबा पिछले साल से 7.59 फीसदी बढ़ा है.
दलहनी फसलों की बुवाई इस साल 137.87 लाख हेक्टेयर में हुई है जोकि पिछले साल की समान अवधि से 4.64 फीसदी ज्यादा है. मोटे अनाजों का रकबा इस साल 179.70 लाख हेक्टेयर है जो पिछले साल से 1.28 फीसदी ज्यादा है.
तिलहनी फसलों की बुवाई अब तक 195.99 लाख हेक्टेयर हुई है जबकि पिछले साल की समान अवधि में तिलहनों का रकबा 176.91 लाख हेक्टेयर था. तिलहनों का रकबा इस बार 10.9 ज्यादा है. विशेषज्ञ बताते हैं कि तिलहनों की खेती में किसानों की दिलचस्पी खाद्य तेल के आयात पर निर्भरता कम करने की दिशा में एक सकारात्मक संकेत है क्योंकि तिलहनों का उत्पादन बढ़ेगा तो कम तेल आयात करने की जरूरत होगी.
गन्ना का रकबा पिछले साल से 1.37 फीसदी बढ़कर 52.46 लाख हेक्टेयर हो गया है जबकि कपास का रकबा पिछले साल के 126.61 लाख हेक्टेयर से 2.12 फीसदी बढ़कर 129.30 लाख हेक्टेयर दर्ज किया गया है.
जूट और मेस्टा की खेती पिछले साल जहां 6.86 लाख हेक्टेयर हुई थी वहां इस बार 6.97 लाख हेक्टेयर में हुई है.
कृषि मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि बुवाई के आंकड़ों से जाहिर है कि COVID-19 महामारी का खरीफ फसलों की बुवाई पर कोई असर नहीं पड़ा है. बयान के मुताबिक, कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय और राज्य सरकारों ने मिशन कार्यक्रमों और फ्लैगशिप योजनाओं के सफल कार्यान्वयन के लिए समुचित कदम उठाए और केंद्र सरकार द्वारा समय पर बीज, कीटनाशक, उर्वरक, मशीनरी और कर्ज जैसी सुविधाएं किसानों को उपलब्ध कराई गईं.
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