कर्नाटक हाईकोर्ट ने यूपी पुलिस के उस नोटिस को रद्द कर दिया है, जो ट्विटर इंडिया के एमडी मनीष माहेश्वरी (Manish Maheshwari) को भेजा गया था. यूपी पुलिस ने गाजियाबाद में हुई एक बुजुर्ग की पिटाई के मामले को लेकर ट्विटर के एमडी को पूछताछ के लिए नोटिस भेजा था. जिसके बाद मनीष माहेश्वरी ने इसे कर्नाटक हाईकोर्ट में चुनौती दी थी. कोर्ट ने यूपी पुलिस के नोटिस को खारिज करते हुए कहा है कि पुलिस चाहे तो ट्विटर इंडिया के एमडी से वर्चुअल पूछताछ कर सकती है या उनका बयान रिकॉर्ड कर सकती है.
कोर्ट ने सिर्फ यूपी पुलिस के इस नोटिस को खारिज ही नहीं किया, बल्कि इसे दुर्भावनापूर्ण भी बताया. हाईकोर्ट ने कहा कि, माहेश्वरी को जारी किया गया नोटिस और इसके बाद दंगा भड़काने, दुश्मनी को बढ़ावा देने और आपराधिक साजिश जैसे आरोप दुर्भावनापूर्ण थे. साथ ही कोर्ट ने इस नोटिस को "टूल ऑफ हेरासमेंट" भी बताया.
कोर्ट ने पहले दिया था कार्रवाई न करने का निर्देश
बता दें कि यूपी पुलिस ने CrPC की धारा 41A के तहत मनीष माहेश्वरी को नोटिस जारी किया था. जिसमें निर्देश दिया गया था कि उन्हें पूछताछ के लिए गाजियाबाद के थाने में आना होगा. यूपी पुलिस के इस नोटिस पर माहेश्वरी हाईकोर्ट चले गए थे. जिसके बाद हाईकोर्ट ने पुलिस को निर्देश देते हुए कहा था कि, जब तक सुनवाई चल रही है तब तक ट्विटर एमडी पर कोई भी सख्त कदम ना उठाया जाए.
तब भी कोर्ट ने पुलिस को यही सलाह दी थी कि वो वर्चुअल तरीके से पूछताछ कर सकती है. लेकिन यूपी पुलिस ने ऐसा नहीं किया, जिसके बाद अब हाईकोर्ट ने पूछताछ वाले इस नोटिस को ही खारिज कर दिया है.
क्या है पूरा मामला?
दरअसल उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में एक मुस्लिम बुजुर्ग की पिटाई का एक वीडियो वायरल हुआ. जिसमें कई तरह के अलग-अलग दावे किए गए. कई चर्चित लोगों ने इस घटना को लेकर ट्वीट किया. जिसे पुलिस ने गलत बताया. पुलिस का कहना था कि इस घटना को जानबूझकर सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश हुई.
इस मामले पर ट्विटर पर इसलिए कार्रवाई हुई, क्योंकि उस पर आरोप था कि उसने इस घटना को लेकर किए गए ट्वीट्स को डिलीट नहीं किया. या फिर इन पर कोई टैग नहीं लगाया. इस मामले में यूपी पुलिस ने मामला दर्ज किया और ट्विटर इंडिया के एमसी मनीष माहेश्वरी को थाने में पूछताछ के लिए तलब कर दिया.
बता दें कि इसी दौरान केंद्र सरकार और ट्विटर के बीच लड़ाई चल रही थी. ट्विटर ने बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा के उस ट्वीट को मैन्युप्लेटेड टैग दे दिया, जिसमें उन्होंने कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा था कि उसने बीजेपी को बदनाम करने के लिए टूलकिट तैयार किया है. इस टूलकिट को कांग्रेस ने खारिज कर दिया था और इसकी रिपोर्ट ट्विटर को भी की गई थी. जिसके बाद ट्विटर ने पात्रा के ट्वीट पर ये टैग लगाया. सरकार ने इस टैग को हटाने को भी कहा, लेकिन ट्विटर ने ऐसा नहीं किया. जिसके बाद ट्विटर के दफ्तर पर दिल्ली पुलिस की एक टीम भी पहुंची थी. पुलिस का कहना था कि वो इसी मामले में ट्विटर के एमडी को नोटिस देने गई थी.
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