भारत में दो कोरोना वायरस वैक्सीन को ड्रग रेगुलेटर DCGI ने इमरजेंसी रेगुलेटरी मंजूरी दे दी है. कुल मिलाकर अब लोगों को कोरोना वैक्सीन दिए जाने का रास्ता साफ है और अब जल्द से जल्द कोरोना वैक्सीन देने का काम शुरू किया जाएगा. सवाल उठता है कि अब आगे क्या होने वाला है? आपको समझाते हैं.
ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने भारत में ऑक्सफोर्ड की Covishield और भारत बायोटेक की Covaxin वैक्सीन के इमर्जेंसी यूज की मंजूरी का ऐलान किया है. बता दें कि केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) की सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमेटी ने शुक्रवार को ऑक्सफोर्ड की कोरोना वैक्सीन (Covishield) के भारत में इमर्जेंसी यूज के लिए मंजूरी देने की सिफारिश की थी.
सरकार वैक्सीन का संवर्धन शुरू करेगी
कोविशील्ड नाम की वैक्सीन भारत के पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडियान ने बनाई है, जो कि ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और एस्ट्राजेनेका द्वारा बनाई गई कोविड वैक्सीन AZD1222 का भारतीय वेरियंट है. सीरम इंस्टीट्यूट ने पहले से ही करीब 8 करोड़ कोरोना वैक्सीन स्टॉक करके रखी हैं ताकि मंजूरी मिलते ही लोगों को वैक्सीन उपलब्ध हो. वहीं भारत बायोटेक ने इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी के सहयोग से अपनी वैक्सीन Covaxin को विकसित किया है.
सरकार की क्या है प्लानिंग?
अगले 6 से 8 महीने में सरकार का लक्ष्य है कि करीब 30 करोड़ लोगों को कोरोना वैक्सीन दी जाए. वैक्सीन देने का काम फ्रंटलाइन कोरोना वॉरियर्स के साथ शुरू होगा. वैक्सीन सबसे पहले एक करोड़ हेल्थकेयर वर्कर्स के साथ ही दो करोड़ फ्रंटलाइन और आवश्यक वर्कर्स और 27 करोड़ बुजुर्गों को दी जाएगी. वैक्सीन के लिए पहले से बीमारियों का सामना कर रहे 50 साल से अधिक उम्र के लोगों को प्राथमिकता दी जाएगी.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने कहा है कि भारत में COVID-19 टीकाकरण के पहले फेज में सबसे ज्यादा प्राथमिकता वाले 1 करोड़ हेल्थकेयर और 2 करोड़ फ्रंटलाइन वर्कर्स को फ्री में वैक्सीन मुहैया कराई जाएगी. इसके अलावा उन्होंने कहा है कि इसके आगे प्राथमिकता वाले 27 करोड़ लाभार्थियों का टीकाकरण कैसे किया जाएगा, उसकी डीटेल्स तय की जा रही हैं.
वैक्सीन शॉट देने के बाद देखरेख की जाएगी
अमेरिका और यूके में जब कोरोना वायरस वैक्सीन के पहले शॉट्स दिए गए थे तो उसके बाद करीब दो दिन तक इन डोज को एडमिनिस्टर किया गया था. इसका मतलब होता है कि जिनको कोरोना का टीका दिया जाता है उनकी सेहत की करीब से देखभाल की जाती है और ये सुनिश्चित किया जाता है कि कोई साइडइफेक्ट तो नहीं है. अमेरिका, यूके में फाइजर और मॉडर्ना वैक्सीन को इस प्रक्रिया में सिर्फ 1-2 दिन ही लगे थे. भारत में भी ये प्रक्रिया जल्दी पूरी कर ली जाएगी.
हालांकि सरकार ने अभी तक इन प्रक्रियाओं की ठोस टाइमलाइन नहीं बताई है. माना जा रहा है कि बड़ी तादाद में वैक्सीन देने का काम एक हफ्ते के अंदर शुरू हो सकता है. शायद आने वाले वीकेंड पर देश के अलग-अलग हिस्सों में कोरोना वैक्सीन दी जानें लगें.
बता दें कि पूरे देश में 2 जनवरी को वैक्सीन दिए जाने का मॉक ड्रिल हुआ था. अधिकारियों ने शनिवार 2 जनवरी को सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 259 जगहों पर एक मेगा ड्रिल का आयोजन किया. ये एक तरह का ड्राई रन था, ड्राई रन से मतलब है कि बिना वैक्सीन लगाए उस पूरी प्रक्रिया का पालन करना, जो वैक्सीनेशन के लिए की जानी है. ड्राई रन के जरिए प्रकिया की जांच की जाती है कि पूरा सिस्टम सही से काम कर रहा है या नहीं.
स्वैच्छिक है कोरोना वायरस का टीका
कोविड-19 के लिए टीकाकरण स्वैच्छिक है, मतलब आपकी मर्जी है आप लेना चाहें तो लें, नहीं लेना चाहें तो कोई जबरदस्ती नहीं है. हालांकि, सरकार ने बीमारी से बचाव के लिए और परिवार, दोस्तों, रिश्तेदारों और सहकर्मियों समेत निकट संपर्क में संक्रमण रोकने के लिए कोविड-19 वैक्सीन का पूरा शेड्यूल लेने की सलाह दी है. वैक्सीन लेने के लिए पहला कदम है कि आपको Co-WIN ऐप पर रजिस्टर करना है. हां और ये अनिवार्य है कि आप इस एप पर रजिस्टर करें.
Co-WIN ऐप के दो हिस्से हैं- पहला, जिसका इस्तेमाल लाभार्थी द्वारा किया जाएगा, और दूसरा, जो एक बैक-एंड मॉड्यूल होगा, जिसका उपयोग वैक्सीनेटर द्वारा किया जाएगा. फिलहाल अभी कुछ ही कैटेगरी के लोग इस एप पर रजिस्टर कर सकते हैं. इनमें स्वास्थ्य कर्मचारी, फ्रंटलाइन कर्मचारी, 50 साल से अधिक उम्र के लोग, जिनकी उम्र 50 साल के कम है, लेकिन वो को-मॉर्बिड हैं. इस एप पर वैक्सीनेश की तारीख, स्लॉट, साइड इफेक्ट वगैरह की सारी जानकारी दी और ली जा सकेगी.
तो अब कोरोना वायरस वैक्सीन आप तक पहुंचेगी. आपके घरों में बुजुर्ग हैं या फिर को-मॉर्बिड पेशेंट हैं तो उनको तुरंत रजिस्टर कराएं ताकि जल्द से जल्द उनको कोरोना वैक्सीन मिल सके.
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