इसी साल फरवरी में दिल्ली में हुए दंगे के मामले में दिल्ली पुलिस ने जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी के पूर्व छात्र उमर खालिद (Umar Khalid) को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने उमर को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने अनलॉफुल एक्टिविटीज प्रिवेंशन एक्ट (UAPA) के तहत गिरफ्तार किया है. उनकी गिरफ्तारी पर लोगों की अलग-अलग प्रतिक्रिया भी आ रही है.
रविवार को खालिद से लोधी रोड पुलिस स्टेशन में लगातार 11 घंटे पूछताछ की गई, जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार किया गया. इससे पहले 2 सितंबर को भी उमर खालिद को पूछताछ के लिए बुलाया गया था.
उमर खालिद के पिता डॉक्टर कासिम रसूल ने कहा,
“मेरे बेटे उमर खालिद को रविवार रात 11 बजे स्पेशल सेल, दिल्ली पुलिस ने UAPA के तहत गिरफ्तार किया है. पुलिस दोपहर एक बजे से उससे पूछताछ कर रही थी. उसे दिल्ली दंगे में फंसा दिया गया है.”
उमर की गिरफ्तारी पर नाराजगी
उमर खालिद की गिरफ्तारी पर देश के कई जाने माने लोगों ने अपनी नाराजगी जाहिर की है. सोशल मीडिया पर पुलिस की जमकर आलोचना हो रही है.
वकील प्रशांत भूषण ने ट्वीटकर कहा,
“सीताराम येचुरी, योगेंद्र यादव, जयति घोष और अपूर्वानंद का नाम लेने के बाद अब उमर खालिद की गिरफ्तारी से दिल्ली दंगे की जांच कर रही दिल्ली पुलिस के दुर्भावनापूर्ण नजरिए को समझने में कोई संदेह नहीं बचा है. यह पुलिस द्वारा जांच की आड़ में शांतिपूर्ण कार्यकर्ताओं को फंसाने की साजिश है.”
राष्ट्रिय जनता दल के प्रवक्ता और राज्यसभा सांसद मनोज झा ने ट्वीट कर लिखा, 'प्रमुख छात्र नेताओं और विद्वान लोगों को रात में गिरफ्तार करना लोकतंत्र के स्वास्थ्य पर नवीनतम चिकित्सा बुलेटिन है. जय हिंद.'
योगेंद्र यादव बोले- हैरान हूं
स्वराज इंडिया के अध्यक्ष योगेंद्र यादव ने गिरफ्तारी का विरोध करते हुए ट्विटर पर लिखा,
हैरान हूं कि एक युवा, सोच, आदर्शवादी उमर खालिद को गिरफ्तार करने के लिए एक आतंकवाद विरोधी कानून यूएपीए का इस्तेमाल किया गया है. जिन्होंने हमेशा किसी न किसी रूप में हिंसा और सांप्रदायिकता का विरोध किया है. वह निस्संदेह उन नेताओं में से हैं, जो भारत के हकदार हैं. दिल्ली पुलिस भारत के भविष्य को लंबे समय तक हिरासत में नहीं रख सकती.
प्रकाश राज बोले- अगर अब नहीं बोला तो शर्मिंदा होना चाहिए
फिल्म एक्टर प्रकाश राज ने ट्वीट कर लिखा,
‘यह शर्मनाक है, अगर हम ऐसी घटनाओं पर कुछ नहीं बोला तो हमें खुद पर शर्मिंदा होना चाहिए.’
वहीं लेखक और पत्रकार मृणाल पांडे लिखती हैं, "वे न तो कभी घोड़े की बलि देंगे, न ही बाघ या हाथी की, बल्कि विनम्र नर बकरी की. यह मानते हुए कि उनके देवता सबसे कमजोर लोगों की हत्या को मंजूरी देते हैं."
कपिल मिश्रा पर FIR क्यों नहीं?
उमर खालिद की गिरफ्तारी के बाद एक बार फिर बीजेपी नेता कपिल मिश्रा पर सवाल उठ रहे हैं. कर्नाटक से कांग्रेस नेता ने ट्विटकर कहा, “कपिल मिश्रा ने अपने नफरत भरे भाषण में 'गाली मारो' का नारा लगाया, जिसका दिल्ली दंगों में एक बड़ी भूमिका थी. यूएपीए के तहर गिरफ्तारी भूल जाइए, कपिल मिश्रा के खिलाफ एफआईआर तक दर्ज नहीं हुई. उमर खालिद ने क्या किया है? बीजेपी सरकार उद्देश्यपूर्ण तरीके से उसे घेर रही है. क्या न्यायपालिका स्वतंत्रता को बरकरार रखेगी?”
बता दें कि नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी को लेकर चल रहे विरोध में उमर खालिद देशभर में अलग-अलग जगह सभाएं कर रहे थे.
2016 में कथित देशविरोधी नारेबाजी की वजह से आए सुर्खियों में
उमर खालिद साल 2016 में जेएनयू में हुई कथित देशविरोधी नारेबाजी के मामले में सुर्खियों में आए थे. उस केस में भी उन्हें गिरफ्तार किया गया था. हालांकि कोर्ट से उन्हें जमानत मिल गई थी.
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