केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने 8 दिसंबर को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में ऐलान किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'सभी वैक्सीन मैन्युफेक्चरर्स और साइंटिस्ट' से बात की है और मौजूदा समय में 'भारत में 6 वैक्सीन कैंडिडेट क्लीनिकल ट्रायल स्टेज पर हैं.'
नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ वीके पॉल ने कहा, "तीन COVID-19 वैक्सीन कैंडिडेट पर ड्रग रेगुलेटर सक्रिय रूप से विचार कर रहा है. ये उम्मीद है कि इन तीनों या किसी एक को जल्दी ही लाइसेंस मिल सकता है."
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के सचिव राजेश भूषण ने कहा, "कुछ वैक्सीन कैंडिडेट्स को अगले कुछ हफ्तों में लाइसेंस मिल सकता है."
सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) से ऑक्सफोर्ड कोरोना वैक्सीन के लिए इमरजेंसी यूज ऑथोराइजेशन मांगने वाली पहली कंपनी है. इसके अलावा अमेरिका की फाइजर और हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक ने भी DCGI से मंजूरी मांगी है. भारत बायोटेक ने पहली स्वदेशी कोरोना वैक्सीन Covaxin डेवलप की है.
न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक, स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि केंद्र सरकार ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ मिलकर 'वैक्सीन दिए जाने की प्रारंभिक गतिविधियां शुरू कर दी हैं.'
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा, "वैक्सीनेशन सिर्फ राज्य या केंद्र की जिम्मेदारी नहीं हो सकती है, इसमें लोगों की सहभागिता होनी चाहिए." उन्होंने कहा कि भारत के रेगुलेटरी फ्रेमवर्क में इमरजेंसी यूज ऑथोराइजेशन के लिए एक खास प्रावधान है.
वैक्सीन के लिए NEGVAC का प्राथमिकता समूहों पर सुझाव
इस साल अगस्त में नेशनल एक्सपर्ट ग्रुप ऑन वैक्सीन एडमिनिस्ट्रेशन (NEGVAC) बनाया गया था. इसका काम COVID19 से लड़ने में सलाह-मशवरा देने का है. स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि ये ग्रुप 'जनसंख्या समूहों की प्राथमिकता तय करने, इन्वेंटरी मैनेजमेंट और खरीद, वैक्सीन चुनना, वैक्सीन डिलीवरी और ट्रैकिंग मैकेनिज्म' में मदद करता है.
मंत्रालय ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि एक्सपर्ट ग्रुप ने सलाह दी है कि फ्रंटलाइन हेल्थकेयर प्रोवाइडर्स और वर्कर्स, राज्य और केंद्र पुलिसकर्मी, आर्म्ड फोर्सेज, होम गार्ड्स, सिविल डिफेंस एंड डिजास्टर मैनेजमेंट वॉलंटियर, म्युनिसिपल वर्कर और 50 साल से ज्यादा उम्र वाले लोगों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए.
सचिव राजेश भूषण ने कहा, “मौजूदा कोल्ड चेन पहले तीन करोड़ हेल्थ और फ्रंटलाइन वर्कर्स के लिए अतिरिक्त मात्रा में COVID19 वैक्सीन स्टोर करने के लिए सक्षम है.” भूषण ने बताया कि हेल्थ वर्कर्स के डेटाबेस कलेक्शन का काम देशभर में शुरू हो चुका है. उन्होंने कहा, “ये डेटा CO-WIN सॉफ्टवेयर पर अपलोड किया जा रहा है.”
स्वास्थ्य सेवाओं पर प्रभाव कम से कम: मंत्रालय
स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि COVID-19 वैक्सीनेशन ड्राइव का 'रूटीन स्वास्थ्य सेवाओं और इम्युनाइजेशन पर कम से कम प्रभाव पड़ना चाहिए.' मंत्रालय ने कहा, "देशभर में करीब 2.39 लाख वैक्सीनेटर्स (ऑक्सिलरी नर्स मिडवाइफ-ANM) मौजूद हैं. COVID-19 वैक्सीनेशन के लिए सिर्फ 1.54 लाख का इस्तेमाल किया जाएगा."
स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि 'साइंटिस्ट्स से ग्रीन सिग्नल मिलते ही हम वैक्सीन का व्यापक प्रोडक्शन शुरू कर देंगे.' उन्होंने कहा कि हमने वैक्सीन को हर शख्स तक सबसे कम समय में पहुंचाने की तैयारी कर रखी है.
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