केंद्रीय मंत्री नारायण राणे के बेटे बीजेपी विधायक नितेश राणे को सिंधुदुर्ग जिले के स्थानीय सत्र न्यायालय ने 4 फरवरी तक पुलिस कस्टडी में भेजा है. ये सिंधुदुर्ग जिला बैंक चुनाव के दौरान हुई हिंसक घटना का मामला है. जिसमें शिवसेना कार्यकर्ता संतोष परब पर जानलेवा हमला करने का आरोप नितेश राणे पर है.
इससे पहले 25 जनवरी को नितेश राणे ने सिंधुदुर्ग जिले में उनके खिलाफ दर्ज हत्या के प्रयास मामले में अग्रिम जमानत के लिए सुप्रीम कोर्ट में दस्तक दी थी.
कौन हैं नितेश नारायण राणे
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री नारायण राणे के बेटे और कणकवली से विधायक कांग्रेस विधायक हैं नितेश नारायण राणे. वह गैर-सरकारी संगठन 'स्वाभिमान संगठन' के प्रमुख भी हैं. नितेश राणे महाराष्ट्र विधानसभा में कांकावली सीट से विधायक हैं. 2014 के विधानसभा चुनाव में वह 25 हजार से ज्यादा वोटों से चुनाव जीते थे. इसके अलावा वह स्वाभिमान संगठन नाम से एक गैर सरकारी संगठन (NGO) भी चलाते हैं. उन्होंने इंग्लैंड से एमबीए की पढ़ाई की है. भारत आने के बाद उन्होंने राजनीति में एंट्री ली.
क्या है मामला
यह मामला बैंक चुनाव के प्रचार के दौरान स्थानीय शिवसेना कार्यकर्ता संतोष परब पर कथित हमले से जुड़ा है. हालांकि, शिवसेना को झटका देते हुए नारायण राणे के नेतृत्व वाले पैनल ने सिंधुदुर्ग जिला केंद्रीय सहकारी बैंक चुनाव जीता है. नीतेश की याचिका में दावा किया गया था कि उन्हें फंसाया जा रहा है
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