जम्मू=-कश्मीर और लद्दाख के अलग केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद भारत सरकार ने शनिवार को देश का नया मैप जारी किया, जिसमें 28 राज्यों और नौ केंद्र शासित प्रदेशों को दर्शाया गया है. इस नक्शे में पाकिस्तानी कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) के हिस्सों को भी कश्मीर क्षेत्र में दर्शाया गया है. नए जारी किए नक्शे में जम्मू-कश्मीर के पूर्ववर्ती राज्य के विभाजन को दर्शाया गया है. इसमें पीओके के तीन जिलों मुजफ्फराबाद, पंच और मीरपुर को शामिल किया गया है.
लद्दाख में दो जिले कारगिल और लेह शामिल हैं. जबकि जम्मू-कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश में 20 जिले शामिल किए गए हैं.
एक गजट नोटिफिकेशन में सरकार ने कारगिल के वर्तमान क्षेत्र को छोड़कर लेह जिले के क्षेत्रों गिलगिट, गिलगित वजारत, चिलास, जनजातीय क्षेत्र व लेह और लद्दाख को भी संकलित किया है. इस आदेश को जम्मू एवं कश्मीर पुनर्गठन (कठिनाइयों को दूर करना) दूसरा आदेश-2019 कहा गया है.
जम्मू-कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश के मानचित्र में 20 जिले शामिल हैं, जिसमें मुजफ्फराबाद, मीरपुर और पुंछ के वे क्षेत्र शामिल हैं, जो पीओके के अधीन हैं. 1947 में जम्मू एवं कश्मीर राज्य में 14 जिले थे. इनमें कठुआ, जम्मू, उधमपुर, रियासी, अनंतनाग, बारामूला, पुंछ, मीरपुर, मुजफ्फराबाद, लेह और लद्दाख, गिलगित, गिलगित वजरात, चिल्हास और जनजातीय क्षेत्र शामिल थे.
संसद की सिफारिश पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अगस्त महीने में भारतीय संविधान से अनुच्छेद-370 को प्रभावी रूप से समाप्त कर दिया था. जम्मू-कश्मीर 31 अक्टूबर को एक राज्य के रूप में अस्तित्व में नहीं रह गया और आधिकारिक तौर पर दो केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू एवं कश्मीर और लद्दाख में विभाजित हो गया.
ये रहा दोनों केंद्र शासित प्रदेशों का मैप:
भारत में ऐसे कई उदाहरण हैं जब किसी केंद्र शासित प्रदेश को राज्य में बदला गया हो या एक राज्य को दो राज्यों में बांटा गया हो, लेकिन ऐसा पहली बार है कि एक राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बदल दिया गया.
बता दें कि गिरीश चंद्र मुर्मू जम्मू-कश्मीर के एलजी और आरके माथुर लद्दाख के एलजी के रूप में कार्यभार संभाल चुके हैं. इस सिलसिले में श्रीनगर और लेह में दो अलग-अलग शपथ ग्रहण समारोहों का आयोजन किया जाएगा. जम्मू-कश्मीर हाई कोर्ट की चीफ जस्टिस गीता मित्तल दोनों को शपथ दिलाएंगी.
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