ADVERTISEMENTREMOVE AD

उन्नाव रेप केस की सुनवाई दिल्ली में होगी, SC ने दिए 6 सख्त निर्देश

कोर्ट ने 7 दिन में मामले की जांच करने के निर्देश दिए हैं

Updated
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा

उन्नाव रेप केस मामले को सुप्रीम कोर्ट ने अब एक नया मोड़ दे दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर सुनवाई करते हुए इससे जुड़े सभी केस दिल्ली ट्रांसफर करने का आदेश दिया है. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने सीबीआई अधिकारियों को भी तलब करते हुए मामले की जांच के बारे में जानकारी देने को कहा. जिसके बाद कोर्ट ने 7 दिन में मामले की जांच करने के निर्देश दिए हैं.

स्नैपशॉट
  • अगले 7 दिन में सीबीआई पूरे करे मामले की जांच
  • उन्नाव रेप पीड़िता को 25 लाख रुपये मुआवजा दे यूपी सरकार
  • उन्नाव रेप और सड़क हादसे से जुड़े सभी मामले दिल्ली ट्रांसफर
  • अगले 45 दिनों तक दिल्ली की कोर्ट में रोजाना सुनवाई
ADVERTISEMENTREMOVE AD
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद अब उन्नाव रेप केस और पीड़िता के साथ हुए सड़क हादसे से जुड़े सभी पांचों केस दिल्ली ट्रांसफर होंगे. दिल्ली में ही इन सभी केसों की सुनवाई और चार्जशीट दाखिल होगी.

यूपी सरकार को फटकार

सुप्रीम कोर्ट ने उन्नाव केस में सुनवाई करते हुए उत्तर प्रदेश की योगी सरकार को भी फटकार लगाई. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यूपी सरकार जल्द से जल्द पीड़िता को 25 लाख रुपये मुआवजा दे. इसके अलावा पीड़िता के परिवार से जुड़े हर व्यक्ति की सुरक्षा भी मुहैया की जाए. वहीं पीड़िता के वकील और उनके परिवार की सुरक्षा को लेकर भी कोर्ट ने निर्देश दिए.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

‘एक महीना नहीं 7 दिन में करो जांच पूरी’

सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई अधिकारियों को तलब करने के बाद सुनवाई शुरू करते हुए सॉलिसिटर जनरल तुशार मेहता से पूछा कि आप इस केस की जांच में कितना वक्त चाहते हैं. इसके जवाब में मेहता ने कहा, अगले एक महीने में जांच पूरी हो जाएगी. सुप्रीम कोर्ट ने उनके इस जवाब पर चौंकते हुए कहा - ‘एक महीना? एक हफ्ते में जांच पूरी कीजिए.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि पीड़िता की मां और उसके भाई-बहनों को सीआरपीएफ की सुरक्षा दी जाए. सरकार जल्द से जल्द इस आदेश का पालन करे और पीड़िता के गांव में मौजूद सभी परिजनों को सुरक्षा मुहैया कराई जाए.

उन्नाव रेप केस मामले पर अब रोजाना सुनवाई होगी. दिल्ली की कोर्ट में जज रोजाना इस मामले पर सुनवाई करेंगे. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि 45 दिन के ट्रायल पीरियड में इस केस की पूरी सुनवाई होगी.
ADVERTISEMENTREMOVE AD

परिवार करे दिल्ली लाने का फैसला

सुप्रीम कोर्ट ने पीड़िता की मेडिकल रिपोर्ट भी तलब की थी, जिसके बाद सॉलिसिटर जनरल से पूछा गया कि क्या पीड़िता को दिल्ली लाया जा सकता है? इस पर सॉलिसिटर जनरल ने कोर्ट को बताया कि पीड़िता को दिल्ली शिफ्ट किया जा सकता है. इसके लिए किसी भी तरह बाधा नहीं है. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अब पीड़ित परिवार से पूछा जाए कि वो पीड़िता को दिल्ली शिफ्ट करना चाहते हैं या नहीं. इसके अलावा उनके वकील को भी शिफ्ट करने की बात कही गई. जिसके बाद अब परिवार की इजाजत मिलते ही पीड़िता को एयरलिफ्ट कर जल्द दिल्ली लाया जा सकता है.

चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) ने पीड़ित परिवार की चिट्ठी मिलने में देरी के मामले पर भी 7 दिन में जांच पूरी करने के निर्देश दिए हैं. सीजेआई की तरफ से नियुक्त सुप्रीम कोर्ट के जज की निगरानी में ये जांच होगी. जिसमें पता लगाया जाएगा कि पीड़ित परिवार की चिट्ठी आखिर सीजेआई तक क्यों नहीं पहुंची.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: 
सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
×
×