उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के अंबेडकरनगर (Ambedkarnagar) में गैंगरेप पीड़ित नाबालिग छात्रा ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. घरवालों का आरोप है कि इस मामले में पुलिस द्वारा आरोपियों पर कोई कार्यवाही नहीं की जा रही थी, जिसके कारण पीड़िता सदमे में थी और अवसाद में चली गई थी. हालांकि पुलिस मुकदमा दर्ज करने की बात कह रही है. बता दें कि अपहरण और गैंगरेप की घटना हुए 15 दिन गुजर चुके हैं लेकिन अभी तक आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है.
क्या है पूरा मामला
अंबेडकरनगर के मालीपुर थाना क्षेत्र के कांदीपुर गांव में रात के वक्त एक नाबालिग छात्रा ने घर के अंदर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली, जब उसके पिता बाहर गए थे. जब सुबह लोगों को पता चला तो इसकी जानकारी पुलिस को दी गई. गैंगरेप पीड़िता के पिता ने बताया कि 16 सितंबर को जब उसकी बेटी स्कूल से निकली तो कार सवार लोगों ने उसका अपहरण कर लिया और उसको लेकर लखनऊ चले गए, जहां पर लोगों ने उसके साथ रेप किया.
18 सितम्बर को पीड़िता किसी तरह दरिंदों के चंगुल से निकलकर अपने घर पहुंची और अपने घरवालों को इसकी जानकारी दी.
लड़की के पिता ने बताया कि उसकी बेटी ने एक आरोपी को पहचान भी लिया था, जिसकी जानकारी उसने पुलिस को दी गई है. पुलिस ने पीड़िता का बयान दर्ज किया और मेडिकल भी करवाया गया, लेकिन अभी आरोपियों पर कोई कार्यवाही नहीं हो सकी है.
बता दें कि पीड़िता ने कहा था कि अगर एक्शन नहीं लिया गया तो वह आत्महत्या कर लेगी और रात में उसने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. पीड़िता की मौत की सूचना पर कई नेता भी गांव पहुंचे. इसके अलावा घटना के बाद अपर पुलिस अधीक्षक और अपर जिलाधिकारी भी गांव पहुंचे और घरवालों को कार्यवाही का भरोसा दिलाकर शव पोस्टमार्टम के लिए भेजवा दिया.
पुलिस की भूमिका पर उठ रहे सवाल
इस पूरे मामले में घरवालों ने पुलिस की भूमिका पर सवाल उठाया है. दूसरी ओर पुलिस का कहना है कि पीड़िता के पिता की तहरीर पर 16 सितंबर को ही अपहरण का मुकदमा दर्ज कर लिया गया था. छात्रा की बरामदगी के बाद उसका बयान लिया गया और मेडिकल कराया गया.
बयान के आधार पर गैंगरेप की पुष्टि हुई और इसी के तहत गैंगरेप की धारा बढ़ाई गई और आरोपियों की तलाश की जा रही है. परिवार को आश्वासन दिया गया है कि जो भी दोषी है, उसे पॉक्सो एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी.
पुलिस की ओर से कहा गया कि जो भी कानून के साथ खिलवाड़ करेगा उसको बख्शा नहीं जाएगा. सरकारी योजना के तहत जो भी मदद हो सकती है उसे करवाया जाएगा.
एम एल सी हरिओम पांडे ने कहा कि वो बच्ची एक वर्ग विशेष के नाते काफी दिन से प्रताड़ित हो रही थी, वह वर्ग विशेष यहां आकर कैसे हावी हुआ, क्या हुआ मैं यह नहीं जानता, लेकिन जब उसने आत्महत्या कर लिया और उससे पहले उसने एसआई को बयान दिया था कि अगर कार्रवाई नहीं हुई तो मैं खुदकुशी कर लूंगी.
प्रशासन या फिर कोई तथाकथित नेता इसको दबाना चाहता था, लेकिन मेरे अपने प्रथम दृष्टतया मानवीय आधार पर लड़की को न्याय मिलना चाहिए. इसको कोई भी दबा नहीं पाएगा, चाहे वह प्रशासन हो या कोई तथाकथित नेता.
मृतका की बहन रोशनी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि आरोपियों के घर पर बुलडोजर चलना चाहिए. हम लोग इस लाश को तभी यहां से जाने देंगे, जब आरोपियों के घर बुलडोजर चलेगा. मेरी बहन ने इसलिए आत्महत्या किया कि कोई कार्रवाई नहीं हुई, उन्होंने इससे पहले बोला भी था.
उन्होंने आगे बताया कि पुलिस ने हमसे कहा कि बेटा कॉल मत करिए. हमें बार-बार रिपोर्ट देनी पड़ रही है. हमसे कहा गया कि काम किया जा रहा है लेकिन उन लोगों ने कुछ नहीं किया.
(इनपुट- बृजेंद्र दुबे)
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