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बुलडोजर ने मार डाला! बुलंदशहर में मलबे में दबकर घायल शख्स की मौत

-मृतक रोहतास ने घायल अवस्था में एक वीडियो जारी कर तोड़फोड़ करने आए लोगों को चोट के लिए जिम्मेदार ठहराया था

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भारत
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उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर (Bulandshahar) में अतिक्रमण हटाने के दौरान घायल हुए शख्स की मौत हो गई है. पीड़ित मोहम्मद रोहतास के घर पर 2 मई को बिना नोटिस के बुलडोजर (Bulldozer) चलाने की कार्रवाई की गई थी.

रोहतास की मौत के बाद लोगों ने प्रशासन और ठेकेदार के खिलाफ प्रदर्शन किया. रोहतास ने कुछ दिन पहले एक वीडियो में खुद के घायल होने के लिए ठेकेदार (अतिक्रमण तोड़ने का ठेका लेने वाला) पर आरोप लगाया था. पुलिस के मुताबिक, परिवार वालों की शिकायत पर केस दर्ज किया जाएगा और आगे जांच की जाएगी.

बता दें वीडियो में रोहताश अपनी व्यथा बताते हुए ठेकेदार को जिम्मेदार बता रहे हैं और कह रहे हैं कि गरीब होने के चलते उन्होंने खुद के साथ हुए अन्याय के खिलाफ मामला दर्ज नहीं कराया है.
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क्या है पूरा मामला?

2 तारीख को बुलंदशहर स्थानीय निकाय ने आवास विकास-2 क्षेत्र में एक अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया गया था. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, रोहतास के परिवार का कहना है कि अभियान के दौरान, जब रोहतास अपने घर को बचाने की कोशिश कर रहे थे, तभी उन्हें बुलडोजर से टक्कर लगी थी, जो उनकी मौत का कारण बनी.

मीडिया रिपोर्ट्स में सीओ सिटी के हवाले से बताया गया है कि तथाकथित अतिक्रमण हटाने के दौरान शख्स मलबे में दब गया, जिसके चलते वे बुरे तरीके से घायल हो गए थे.

मामले पर शैलेंद्र सिंह लोधी, एडवोकेट और स्थानीय निवासी ने कहा, "आवास विकास कॉलोनी वैध जमीन पर बसी हुई है. पूरे शहर में लोगों ने अपने घरों-दुकानों को आगे बढ़ाकर बनाया है, लेकिन इनकी हिम्मत नहीं है कि उसे तोड़ें. यहां बिना नोटिस दिए यह कार्रवाई कर दी गई, कम से कम सूचित तो करना था कि आपने गलत जगह निर्माण किया है. हम मांग करते हैं कि संबंधित व्यक्तियों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया जाए. बुलंदशहर की जनता इसे बर्दाश्त नहीं करेगी."

मौके पर पहुंचे आम आदमी पार्टी के नेता विकास शर्मा ने कहा, "उत्तर प्रदेश में बुलडोजर के नाम पर गुंडागर्दी चल रही है, उसका यह नमूना यहां देखने को मिला है. यहां पिछले 70 साल से लोग स्थायी तौर पर रहते आए हैं, पीढ़ी दर पीढ़ी वह जिस जगह रह रहे हैं, आज उसे नेस्तानाबूत किया जा रहा है. लोगों की अपील के बावजूद उनसे अभद्रता की गई, पूरी कार्रवाई में एक व्यक्ति की मौत हो गई, जबकि 3-4 लोग घायल हो गए. यह कैसी सरकार है, जो गरीब तबके पर अत्याचार करने पर तुली है. बुलडोजर चलाना है, तो बड़ी-बड़ी कोठियों, उद्योगपतियों के अतिक्रमण पर चलाएं. यहां लोगो को पता ही नहीं है कि क्यों उनके खिलाफ कार्रवाई की गई, बिना नोटिस के बुलडोजर चला दिया गया."

बता दें 2 मई को बिना नोटिस दिए करीब 8 लोगों के मकान पर बुलडोजर चलाया गया था. स्थानीय लोगों ने तो यहां तक आरोप लगाए हैं कि कई लोगों को उनके घरों से निकलने भी नहीं दिया गया और तेजी से कार्रवाई कर दी गई.

पढ़ें ये भी: UP पुलिस में 'अतिक्रमण' करने वालों पर बुलडोजर कब?

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