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UP कथित ‘लव जिहाद’ केस: पीड़ित परिवार ने बताया- कैसे गुजरे 15 दिन

मुरादाबाद में शादी रजिस्टर करा रहे जोड़े को पुलिस ने पकड़ा, पति को किया था गिरफ्तार

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उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में कथित लव जिहाद के मामले में एक बार फिर निर्दोष को कई दिनों तक जेल में रहना पड़ा. यहां एक हिंदू संगठन ने पुलिस को बताया कि एक कपल अपनी शादी रजिस्टर कराने पहुंच रहा है और मुस्लिम युवक जबरन लड़की का धर्म परिवर्तन करना चाहता है. इसके बाद पुलिस ने रजिस्ट्रार ऑफिस से ही युवक और उसके भाई को गिरफ्तार कर लिया. इस मामले में कई मोड़ आए, युवती का गर्भपात हुआ और पुलिस पर आरोप भी लगे. अब आखिरकार युवती का पति जेल से बाहर आ चुका है और परिवार राहत की सांस ले रहा है.

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यूपी में लव जिहाद के नाम पर प्रताड़ित करने की इस पूरी घटना को लेकर हमने पीड़ित परिवार और इस जोड़े से बात की. जिसमें उन्होंने बताया कि पिछले कुछ हफ्ते उनकी जिंदगी में कैसे तूफान लेकर आए.

परिवार ने किसे बताया जिम्मेदार?

जब हमने युवती की सास से पूछा कि वो पूरे घटनाक्रम के लिए किसे जिम्मेदार मानती हैं? तो इस सवाल के जवाब में युवती की सास नसीम जहां ने क्विंट से कहा कि बजरंगदल कार्यकर्ता, नारी निकेतन कर्मी और वो वकील जिसने कोर्ट मैरिज करवाने के नाम पर हमें धोखा दिया, ये सब लोग जिम्मेदार हैं. बहरहाल दोनों लड़के घर आ गए हैं, इसलिए आज जो खुशी मिली है उसे बयां नहीं कर सकती, आज पूरा परिवार फिर घर पर एकजुट हुआ है. आज हमारी खुशियां वापस मिली हैं. लेकिन मुझे बहुत दुख है कि मेरे घर का पहला बच्चा दुनिया से रुखसत हो गया. मैं यही कहूंगी कि जो भी दोषी हैं उन्हें सजा मिलनी चाहिए, क्योंकि आज जो हमारे साथ हुआ है, भविष्य में किसी और के साथ न गुजरे. नसीम जहां ने कहा,

“मैं एक और बात बताना चाहती हूं कि जब बहू को लेने मैं पहुंची तो पुलिस ने मुझसे सादे पेपर पर अंगूठे का निशान लगवाया, मैं पढ़ी-लिखी नहीं हूं इसलिए साइन नहीं कर सकती, इसीलिए मुझे अंगूठा लगाना पड़ा, इस बात से भी मैं फिक्रमंद हूं कि उस कागज का भविष्य में कोई गलत इस्तेमाल न हो.” 
नसीम जहां, राशिद की मां

रिहा होने के बाद कैसा महसूस हो रहा है?

इस मामले में जेल की सजा काटने वाले राशिद ने रिहा होने के बाद बताया कि, "मुझे विश्वास नहीं हो रहा कि घर आ गया हूं, सब आनन-फानन में इतनी जल्दी ठीक हुआ कि लगता है जैसे सब सपना है. घर आने और परिवार से मिलने की अपनी खुशी को किस तरह बयां करूं, मुझे समझ नहीं आ रहा है. जेल में 62 के आस-पास कैदी हमारे साथ थे. सभी परिवार की तरह थे. सभी ने हमारे साथ अच्छा व्यवहार किया. थाने से लेकर जेल की पुलिस ने भी हमारे साथ अच्छा व्यवहार किया, जेल में हमसे पुलिस जो काम कहती हम फौरन करते थे, अच्छा व्यवहार देखकर उनका व्यवहार भी अच्छा था. बस छूटेंगे या नहीं इस बात को लेकर चिंता में थे. जेल में कुछ लोग कहते थे कि तुम बहुत बड़े लफड़े में फंस गए हो, हिन्दू-मुस्लिम का मामला है." राशिद ने आगे कहा,

“मुझे अपनी पत्नी पर पूरा भरोसा था, यही वजह है कि मैं आज जेल से बाहर आया हूं. बस दुख बच्चे और पत्नी की तबीयत को लेकर बहुत है. उसके साथ इतनी भयानक घटनाएं घटीं, जेल में इसका हमें इसका इल्म नहीं था. आज जब हम घर पहुंचे तब हमें यह सब मालूम हुआ. जिसे सुनकर मैं रो पड़ा. मैं अपनी पत्नी के लिए इंसाफ चाहता हूं, बजरंग दल कार्यकर्ता और इस मामले में जो शामिल हैं उन सभी के खिलाफ अदालत का दरवाजा खटखटाऊंगा.”
राशिद, गिरफ्तार होने वाला युवक
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पति के घर लौटने पर क्या बोली युवती?

मुस्लिम युवक से करीब 6 महीने पहले शादी करने वाली हिंदू युवती ने बताया कि, "मैं 15 दिनों बाद अपने पति से मिलकर बहुत खुश हूं. मैंने जिन हालात में शादी की और उसके बाद राशिद और उनके परिवार का प्यार मिला, उन हालात में भरोसा था कि मेरे पति जेल से छूटकर घर जरूर पहुंचेंगे. लेकिन ये 15 दिन बहुत मुश्किल में गुजरे. एक-एक दिन एक-एक साल के बराबर गुजरा. जब राशिद को मैंने बताया कि पेट में पल रहा बच्चा नहीं रहा तो वो मुझसे गले लगकर रो पड़े."

वकील ने दिया धोखा, मिलना चाहिए इंसाफ

राशिद की पत्नी आगे कहती हैं कि, "मैं यहां आराम से रह रही थी. लेकिन, कोर्ट मैरिज के लिए वकील दीपक विश्नोई ने हमसे पैसे मांगे. हमारे पास पैसे नहीं थे. मेरे पति ने अपना मोबाईल 7 हजार रुपये में बेचा, कोर्ट मैरिज करने के लिए उस पैसे को वकील ने ले लिया. वकील ने ही हमें धोखा दिया और बजरंग दल वालों के चक्कर में फंसा दिया. आज मेरा बच्चा खत्म हुआ तो इसके जिम्मेदार यही लोग हैं. नारी निकेतन और अस्पताल ने मुझे पेट दर्द और उसके बाद हुए इलाज से लेकर अस्पताल में भर्ती होने तक के एक भी कागज उपलब्ध नहीं कराए. इस बात को लेकर मैं बहुत चिंतित हूं. पेट दर्द के बाद जो मेरे साथ हुआ उससे मैं मर ही जाती, लेकिन ऊपर वालों के करम से मैं बच गई.” युवती ने कहा-

“मुझे इंसाफ चाहिए कि भविष्य में किसी के साथ वो न हो जो नारी निकेतन में हमारे साथ हुआ. बजरंग दल कार्यकर्ता, वकील दीपक विश्नोई और हॉस्पिटल कर्मी को सजा मिलनी चाहिए, नहीं तो जो मेरे साथ आज हुआ है वो भविष्य में किसी भी लड़की के साथ हो सकता है.”
मुस्लिम युवक से शादी करने वाली युवती
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मैं लिंच होने से बचा- नासिर

राशिद के साथ उसके भाई नासिर को भी पुलिस ने हिरासत में लिया था. नासिर ने इस घटना को लेकर बातचीत में बताया, "जब राशिद को पुलिस थाने ले गई, वहां से हमने जब घर आने की सोची तो देखा कि बजरंग दल वाले हमारा इंतजार कर रहे थे. हमने पुलिस से कहा कि घर पहुंचा दीजिए, बजरंग दल वालों से मुझे खतरा है. पुलिस ने बात को अनसुना कर दिया. बहुत गिड़गिड़ाने के बाद पुलिस के एक आदमी ने मुझे कुछ दूर छोड़ा और जैसे ही वो पलटे, दस से बारह बजरंगदल कार्यकर्ता मेरी तरफ टूट पड़े. मैंने साईकिल वहीं छोड़कर बेतहाशा भागते हुए मुस्लिम आबादी में पहुंच करअपनी जान बचाई. उनके हाथों अगर लग जाता तो फिर पता नहीं हमारा क्या क्या होता.

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नारी निकेतन में युवती से कैसा व्यवहार हुआ

आपके साथ एक केस हुआ था धर्म परिवर्तन वाला, इसमें आप महिला आयोग (नारी निकेतन यानी शेल्टर होम) में भी रहीं, तो वहां आपके साथ कैसा व्यवहार हुआ और आप कब आई हैं?

मैं रात में आई हूं, और मैं नारी निकेतन 5 तारीख की रात ढ़ाई बजे गई थी. वहां मुझे टॉर्चर किया गया. अचानक पेट में दर्द होने लगा. तीन दिन दर्द होता रहा, उन्होंने मुझे कहीं दिखाया नहीं (चेकअप नहीं कराया), तबीयत ज्यादा खराब होने पर मुझे अस्पताल ले गए. उसके बाद जब डॉक्टर ने इंजेक्शन लगाए तो मुझे ब्लीडिंग बहुत ज्यादा होने लगी और उन्होंने मुझे फिर दवा और इंजेक्शन दिए. कोर्ट में मेरे बयान होने पर, फिर तबीयत खराब हुई, जिसके बाद उन्होंने मुझे इंजेक्शन लगाए. मेरा गर्भपात भी हो चुका है. अल्ट्रासॉउन्ड पहले ठीक था, लेकिन इंजेक्शन लगाए जाने के बाद गर्भपात हुआ.

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आप क्या मानती हैं कि आपका गर्भपात हुआ है, तो वो किसकी गलती या लापरवाही से हुआ है या कोई दवाई वगैरह दी गई थी?

मुझे मुझे इंजेक्शन लगाए गए थे उसी की वजह से बहुत ज्यादा ब्लीडिंग होने लगी थी, तभी हुआ है ऐसा, उससे पहले ऐसा कुछ नहीं हुआ था.

आपको इंजेक्शन कब लगाए गए?

उस दिन जब 11 दिसंबर की शाम गई थी, उस दिन मुझे 1 इंजेक्शन लगा था, तब मुझे हल्की-हल्की ब्लीडिंग हुई थी. दो दिन बाद मुझे चार इंजेक्शन लगे और दवा दी गई, उसके बाद बहुत ज्यादा ब्लीडिंग हुई, बहुत ज्यादा तबीयत खराब हुई मेरी, फिर ब्लीडिंग रुकी ही नहीं.

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युवती ने बताया कि उन्हें इंजेक्शन डॉक्टर ने ही लगाए थे और वो कोई बाहर के नहीं बल्कि हॉस्पिटल के ही डॉक्टर थे.

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