उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के लखनऊ में गोमती नदी के किनारे बने रिवर फ्रंट (River Front) से जुड़े कथित घोटाले मामले में सीबीआई ने बड़ी कार्रवाई की है. सीबीआई की एंटी करप्शन विंग राजस्थान, उत्तर प्रदेश और बंगाल में करीब 40 जगहों पर छापेमारी कर रही है. उत्तर प्रदेश में राजधानी लखनऊ, नोएडा, गाजियाबाद, बुलंदशहर और रायबरेली में छापेमारी की गई है.
बता दें कि गोमती रिवर फ्रंट परियोजना पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश का ड्रीम प्रोजेक्ट था. अखिलेश यादव ने 16 नवंबर 2016 को इस प्रोजेक्ट का उद्घाटन किया था. गोमती रिवर फ्रंट के लिए 1500 करोड़ का भारी-भरकम बजट भी तय किया गया था. हालांकि रिवर फ्रंट से जुड़े घोटाले का मामला समाजवादी पार्टी की सरकार के कार्यकाल में ही सामने आया था. यह आरोप लगाया गया है कि 1,513 करोड़ रुपये की गोमती रिवर फ्रंट विकास परियोजना में व्यापक अनियमितताएं की गई थीं.
1,513 करोड़ रुपये में से 1437 करोड़ रुपये का बजट निकाल भी दिया गया था. मतलब पूरी परियोजना के लिए आवंटित लगभग 95 फीसदी रकम को निकाल दिया गया लेकिन इस परियोजना का कार्य लगभग आधा ही पूरा किया गया. जिसके बाद बड़े घोटाले के आरोप लगे.
सीबीआई की छापेमारी
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने सोमवार को एक व्यापक कार्रवाई करते हुए गोमती रिवरफ्रंट परियोजना में कथित अनियमितताओं में दर्ज एक नए मामले के संबंध में उत्तर प्रदेश में 40 से अधिक स्थानों पर छापे मारकर तलाशी ली.
जांच से जुड़े सीबीआई के एक सूत्र ने न्यूज एजेंसी आईएएनएस को बताया, एजेंसी की कई टीमें उत्तर प्रदेश में 40 से ज्यादा जगहों पर तलाशी ले रही हैं. रिवर फ्रंट घोटाले के मामले में यह सीबीआई की दूसरी एफआईआर है. सीबीआई ने 30 नवंबर, 2017 को मामला दर्ज किया था, जिसकी जांच पहले उत्तर प्रदेश पुलिस कर रही थी.
साल 2019 में गोमती रिवर फ्रंट घोटाला मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने ताबड़तोड़ छापेमारी की थी.
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