साल भर भूख छुपाता रहा जो लोगों से...
आज वो फ़ख्र से बोलेगा मेरा रोज़ा है...!!
किसी शायर की ये पंक्ति भले ही सुनने में अच्छी लग रही हो, लेकिन आजादी के इतने साल बाद भी देश के हालात को बयान करती हैं. दरअसल उत्तर प्रदेश के बरेली में कथित भूख की वजह से एक 42 साल के शख्स की मौत का मामला सामने आया है. बताया जाता है कि तीन दिन से उसके घर में खाने को कुछ नहीं था. वह अपनी 90 साल की मां के साथ रहता था.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक ये मामला बरेली के कुड़रिया इखलासपुर गांव का है. नेम चंद नाम का ये शख्स पिछले कुछ दिनों से बीमार था. नेम चंद को लकवा मार दिया था, जिसकी वजह से वो पूरी तरह से बिस्तर पर था.
बेटे की बीमारी को देखते हुए मां ने सरकार की ओर से मिलने वाले राशन को खरीदा तो थी, लेकिन बेटे के इलाज के लिए वो राशन बेचने को मजबूर हो गई. मां ने राशन बेच कर बेटे के लिए दवा खरीद ली. दवा खरीदने के बाद उसके पास कुछ भी पैसे नहीं बचे जो वो खाने के लिए अनाज खरीद सकती. तीन दिनों तक भूखे रहने के बाद आखिरकार नेम चंद ने दम तोड़ दिया.
मौत के बाद प्रशासन में हड़कंप
नेम चंद की मौत के बाद प्रशासन में हड़कंप मच गया. मौके पर पहुंची लेखपाल शिवा कुशवाहा ने बताया,
मृतक के परिवार की हालत काफी दयनीय है. घर में खाने को कुछ नहीं था. तीन दिनों से खाना नहीं खाया था. वो पड़ोस में मांग कर खाते थे. मामले की जांच की जा रही है कि उनकी मौत भूख से हुई है या बीमारी से. हमने अपने अधिकारियों को सूचित कर दिया है. और हम उनकी मां को हर जरूरी मदद दिलाने की कोशिश कर रहे हैं.’
फिलहाल प्रशासन मौत की वजहों की जांच कर रही है.
बता दें की अभी दो दिन पहले यूपी के बरेली में ही एक महिला ने पति का इलाज कराने के लिए अपने 15 दिन के बच्चे को 45 हजार रुपये में बेच दिया था.
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