मध्यप्रदेश में कमलनाथ सरकार ने एक 13 साल से चली आ रही परंपरा को खत्म किया तो भोपाल से दिल्ली तक राजनीतिक घमासान मचा है. वर्तमान एमपी सरकार ने हर महीने के पहले कामकाजी दिन सचिवालय के सामने मौजूद पार्क में राष्ट्रीय गीत ‘वंदे मातरम' गाने की परंपरा को अब खत्म कर दिया है. उसके बाद से बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह समेत सभी बड़े नेता कांग्रेस के इस कदम को देशद्रोह के समान बता रहे हैं.
अमित शाह ने इसे कांग्रेस का शर्मनाक कदम बताते हुए कहा कि कांग्रेस मध्यप्रदेश को तुष्टिकरण का केंद्र बना रही है, साथ ही उन्होंने अपनी फेसबुक पोस्ट में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से पूछा कि क्या ये आपका ही फैसला है? अमित शाह ने लिखा....
मैं कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गाँधी से पूछना चाहता हूँ कि ‘वंदे मातरम’ का यह अपमान क्या उनका निर्णय है? कांग्रेस सरकार के इस दुर्भाग्यपूर्ण निर्णय पर राहुल गांधी को देश की जनता के सामने अपना पक्ष स्पष्ट करना चाहिए.
कमलनाथ ने दी ये सफाई
इस पूरे मुद्दे पर मध्य प्रदेश के सीएम कमलनाथ ने सफाई दी है. उन्होंने कहा, "हर महीने की 1 तारीख को सचिवालय में वंदे मातरम गाने की अनिवार्यता को फिलहाल अस्थाई तौर पर बंद करने का फैसला लिया गया है.यह फैसला ना किसी एजेंडे के तहत लिया गया है और न ही हमारा वंदेमातरम को लेकर कोई विरोध है. वंदेमातरम हमारे दिल की गहराइयों में बसा है. जो लोग वंदेमातरम नहीं गाते हैं तो क्या वे देशभक्त नहीं है?" मुख्यमंत्री ने आदेश जारी कर कहा कहा है कि सचिवालय में वंदे मातरम को दोबारा शुरू किया जाएगा, लेकिन एक अलग रूप में.
भड़के शिवराज सिंह चौहान
मामले पर नाराजगी जाहिर करते हुए ट्विटर पर राज्य के पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कांग्रेस पर जमकर हमला बोलै. उन्होंने ट्वीट कर कहा, "कांग्रेस यह भूल गई है कि सरकारें आती हैं जाती हैं लेकिन देश और देशभक्ति से ऊपर कुछ नहीं है. मैं मांग करता हूं कि वंदे मातरम का गाना हमेशा की तरह हर कैबिनेट की मीटिंग से पहले और हर महीने की पहली तारीख को हमेशा की तरफ वल्लभ भवन के प्रांगण में हो."
यही नहीं, उन्होंने तंज भरे अंदाज में कहा, "अगर कांग्रेस को राष्ट्रगीत के शब्द नहीं आते हैं या राष्ट्रगीत के गायन में शर्म आती है तो मुझे बता दें. हर महीने की पहली तारीख को वल्लभ भवन के प्रांगण में जनता के साथ वंदेमातरम मैं गाऊंगा."
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