प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के संसदीय क्षेत्र वाराणसी (Varanasi) स्थित मानसिक अस्पताल में पिछले कई दिनों से मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. पिछले महीने 10 जून से 15 जून के बीच 5 दिनों में 3 पुरुष और 2 महिला मनोरोगियों की मौत के बाद मामला तूल पकड़ा था. जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने जांच के आदेश दिए थे.
लापरवाही की जांच के लिए सीएमओ डॉ. संदीप चौधरी और एडीएम प्रोटोकाल बच्चू सिंह को जिम्मेदारी सौंपी गई थी. इसके बाद कार्रवाई के लिए शासन को पत्र भेज दिया गया.
मंगलवार सुबह 25 साल के युवक की तबीयत खराब देख मानसिक चिकित्सालय के डॉक्टरों ने पांडेपुर स्थित पंडित दीनदयाल उपाध्याय चिकित्सालय में इलाज के लिए भर्ती कराया. जहां से हालत गंभीर देख कर मंडलीय अस्पताल के लिए रेफर कर दिया गया और वहां पहुंचने से पहले ही उसकी मौत हो गई.
युवक की लाश का पंचनामा कराकर मंडलीय अस्पताल की मोर्चरी में शव को रखा गया है. पोस्टमार्टम के बाद ही मौत की वजह का पता चल सकेगा.
पिछले महीने हुई 5 मौतों का भी कारण अब तक पता नहीं चल सका है.
क्या है पूरा मामला?
वाराणसी के पांडेयपुर स्थित मानसिक चिकित्सालय में भर्ती मनोरोगियों की मौतों का सिलसिला जारी है. मंगलवार को सुबह अस्पताल के चिकित्सक दौरे पर थे, इसी दौरान एक 25 साल के युवक की हालत खराब होती देखकर डॉक्टरों ने उसे एंबुलेंस द्वारा पंडित दीनदयाल उपाध्याय चिकित्सालय में भर्ती कराया. वहां पर उसकी हालत गंभीर देखकर उसे कबीरचौरा के मंडलीय अस्पताल रेफर कर दिया गया. यहां पहुंचने पर अस्पताल के डॉक्टर ने युवक को मृत घोषित कर दिया.
एक महीने के अंदर मानसिक चिकित्सालय में छठी मौत की सूचना मिलते ही अधिकारियों के हाथ-पांव फूल गए.
वाराणसी मानसिक चिकित्सालय की चिकित्सा अधीक्षक और निदेशक डॉक्टर लिली श्रीवास्तव ने बताया -
युवक को अज्ञात रूप में सीजेएम सोनभद्र के आदेश पर लगभग डेढ़ साल पहले यहां भर्ती किया गया था. उस दौरान उसकी तबीयत अधिक खराब थी. शरीर पर चोट और बर्न की तकलीफ थी. युवक का अस्पताल में इलाज किया गया, प्रथम दृष्टया उसकी मौत टिटनस से हुई लगती है. पोस्टमार्टम के बाद ही मौत की असली वजह सामने आएगी.
मानसिक हॉस्पिटल में पहले भी हो चुकी है पांच मौतें
वाराणसी के मानसिक चिकित्सालय में भर्ती सारनाथ क्षेत्र की श्रेया (34) की मौत हो गई थी. इसके अलावा आजमगढ़ से आए एक 50 वर्षीय मरीज की भी मौत हो गई थी. उसे आजमगढ़ के न्यायिक मजिस्ट्रेट के आदेश से भर्ती कराया गया था. 9-10 जून को कैदी हरिशंकर और बांदा से आए बंदी राहुल उपाध्याय की मौत हो गई थी. इसके एक ही दिन बाद बस्ती जिले के प्राइवेट मरीज दिलीप मिश्रा की मौत का मामला सामने आया था.
(इनपुट- चंदन पांडेय)
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