भले ही विपक्षी पार्टियां एक साथ होने का दम भरती हों, लेकिन उपराष्ट्रपति चुनाव में उनके दावों में आपसी दरार देखने को मिली.
न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक, विपक्षी पार्टियों के करीब 24 सांसदों ने अपनी पार्टी के निर्देश के खिलाफ वोट किया.
विपक्ष की तरफ से गोपालकृष्ण गांधी उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार थे, लेकिन 24 विपक्षी सांसदों ने गोपालकृष्ण गांधी को वोट ना देकर बीजेपी के कैंडिडेट वेंकैया नायडू के पक्ष में वोट किया.
उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए कुल 785 सांसदों में से 771 ने मतदान में हिस्सा लिया था. इसमें वेंकैया नायडू को 516 वोट मिले, जबकि विपक्ष के उम्मीदवार गोपालकृष्ण गांधी को 244 वोट मिले. हालांकि पहले वेंकैया नायडू को करीब 495 सदस्यों का समर्थन मिलने की उम्मीद थी.
बीजेडी और जेडीयू के 40 वोटों में मिले सिर्फ 6?
विपक्ष के लिए चिंता का विषय यह है कि उसके उम्मीदवार गांधी को राष्ट्रपति पद की उसकी उम्मीदवार मीरा कुमार को मिले वोटों से 19 वोट अधिक हैं, हालांकि इस बार बीजेडी के 28 और जेडीयू के 12 सांसदों ने उन्हें अपना समर्थन देने की बात की थी.
वोटिंग के बाद एनडीए इस नतीजे पर पहुंचा है कि जो 40 वोट विपक्ष के उम्मीदवार को जाने वाले थे उनमें से सिर्फ छह गए, इसका मतलब यह कि उसके पक्ष में बड़े पैमाने पर क्रॉस-वोटिंग हुई है.
अधिकारियों के मुताबिक 11 वोट को इनवैलिड करार दिया गया. वहीं 14 सदस्यों ने अलग अलग वजहों से वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया जिनमें से तृणमूल कांग्रेस के चार, बीजेपी, कांग्रेस और आईयूएमएल के दो और एनसीपी और पीएमके के एक-एक सदस्य शामिल हैं.
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