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नेशनल अवॉर्ड जीतने वाली फिल्म नहीं हो पा रही रिलीज

नितिन चंद्रा ने Ketto.org पर एक क्राउडफंडिंग कैंपेन शुरू किया है

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2016 में Mithila Makhaan नेशनल अवॉर्ड जीतने वाली मैथिली भाषा की पहली फिल्म बनी थी. फिल्म का आईडिया 2008 की कोसी बाढ़ के समय फिल्ममेकर नितिन चंद्रा को आया था, जब वो नेपाल और बिहार बॉर्डर के प्रभावित इलाकों में कुछ NGO के साथ काम कर रहे थे. साल 2020 आ गया है और चंद्रा को अभी तक अपने प्रोजेक्ट के लिए एक भी इंवेस्टर या फिल्म दिखाने के लिए प्लेटफॉर्म नहीं मिला है.

क्विंट ने फिल्ममेकर नितिन चंद्रा से बात की और उन्होंने बताया कि फिल्म के अवॉर्ड जीतने के बाद भी उन्हें कितनी मुश्किलों का सामना करना पड़ा.

निवेशक मुझसे हमेशा एक ही सवाल पूछते हैं ‘हीरो कौन है?’ कोई नहीं पूछता कि कहानी क्या है या फिर हीरोइन कौन है. उन्हें सिर्फ हीरो से मतलब है. तो मैं उन्हें बताता हूं कि मेरी फिल्म में कोई बड़ा हीरो नहीं है लेकिन मेरी फिल्म का हीरो नेशनल अवॉर्ड है. लेकिन किसी को नेशनल अवॉर्ड से मतलब नहीं है.  
नितिन चंद्रा, फिल्ममेकर

नितिन ने अनुराग कश्यप जैसे फिल्ममेकर से भी संपर्क किया था, जिन्हें छोटी इंडी फिल्मों को समर्थन देने के लिए जाना जाता है. नितिन ने कहा कि उनकी मात्र भाषा को अच्छा प्रतिनिधित्व नहीं मिलने से ही उन्हें इस भाषा में और फिल्में बनाने की प्रेरणा मिलती है.

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अनुराग कश्यप ने मुझसे कहा था कि वो मुक्काबाज भोजपुरी में बनाएंगे लेकिन मुझे नहीं पता कि क्या हुआ. अगर उन्होंने ऐसा किया होता तो ज्यादा लोगों ने भोजपुरी फिल्में देखना शुरू किया होता. प्रकाश झा ने दामुल बनाते समय एक गलती की थी. उन्होंने हिंदी और भोजपुरी को मिक्स कर दिया और अपनी मातृभाषा को भूल गए. भाषा का संकट ही मेरी प्रेरणा है. 
नितिन चंद्रा, फिल्ममेकर

नितिन चंद्रा ने Ketto.org पर एक क्राउडफंडिंग कैंपेन शुरू किया है, जिसके जरिए वो Mithila Makhaan की रिलीज के लिए पैसे जमा कर रहे हैं. फिल्म www.bejod.in पर आने वाली है. ये प्लेटफॉर्म 15 अगस्त को लॉन्च होगा और इस पर भोजपुरी और मैथिली फिल्ममेकर अपनी फिल्में दिखा पाएंगे.

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