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दिल्ली: लॉकडाउन ने मजदूरों को फिर किया मजबूर,गांव जाने की लगी होड़

आनंद विहार बस स्टैंड पर बड़ी तादाद में लोग नजर आए जो अपने घरों को जाने के लिए बस का इंतजार कर रहे थे

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वीडियो प्रोड्यूसर: कनिष्क दांगी

वीडियो एडिटर: विवेक गुप्ता

देश की राजधानी दिल्ली में कोरोना संक्रमण के खतरनाक स्तर पर पहुंचने की वजह से 6 दिन का लॉकडाउन लगाया गया है. लॉकडाउन का ऐलान होते ही दिल्ली के अलग-अलग ठिकानों पर प्रवासी मजदूरों की भीड़ इकट्ठा होने लगी. प्रवासी मजदूर रेलवे स्टेशन, बस अड्डों पर अपने घरों को जाने के लिए जुटने लगे. दिल्ली के आनंद विहार बस अड्डे पर बड़ी तादाद में लोग नजर आए जो अपने घरों को जाने के लिए बस का इंतजार कर रहे थे.

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दिल्ली में लॉकडाउन का ऐलान होने के बाद आनंद विहार बस स्टैंड के सामने वाला फुटओवर ब्रिज लोगों से खचाखच भरा नजर आया. पिछले साल जब कोरोना संकट के शुरुआती दौर में लॉकडाउन लगा था तब एक झटके में सरकार ने सारा परिवहन रोक दिया था और मजदूरों को घर जाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा था.

कई लोगों को पैदल चलकर घर जाना पड़ा था तो कई लोग साइकिल, ट्रकों पर बैठकर घर पहुंचे थे. प्रवासी मजदूरों को सबसे बड़ा डर यही है कि उनका हाल फिर से पिछले साल जैसा ना हो. इसी डर की वजह से प्रवासी मजदूर अपने घरों को रवाना हो रहे हैं.

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मजदूरों को आशंका- लॉकडाउन में पड़ेगी काम-धंधे पर चोट

साथ ही दिल्ली में लॉकडाउन लगने के बाद काम-धंधों, रोजगार, कारोबार पर भी चोट पड़ेगी और कोरोना संक्रमण का खतर भी ज्यादा है. इन सभी बातों के ध्यान में रखते हुए प्रवासी मजदूर शहरों को छोड़कर फिर गांवों की तरफ लौट रहे हैं.

'काम नहीं करूंगा तो खाऊंगा क्या'

ANI के मुताबिक गाजियाबाद के कौशांबी बस स्टेशन पर मजदूरों की भारी भीड़ दिखाई दी. न्यूज एजेंसी से बात करते हुए एक व्यक्ति ने कहा-

जब मैं नौकरी के लिए किसी के पास जाता हूं तो वो कहते हैं कि एक महीने बाद आना. अगर मैं काम नहीं करूंगा तो खाऊंगा क्या. इसलिए मैं घर जा रहा हूं.
गोरखपुर का एक प्रवासी मजदूर
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मुंबई से भी लौट रहे प्रवासी मजदूर

दिल्ली के अलावा पिछले दिनों में महाराष्ट्र से भी प्रवासी मजदूरों के ट्रेनों से लौटने की तस्वीरें आई थीं. मुंबई में पहले ही लॉकडाउन लग गया था. ऐसे में वहां से भी प्रवासी मजदूर बड़ी तादाद में लौट रहे हैं.

हालांकि महाराष्ट्र सरकार ने लॉकडाउन लगाने के साथ-साथ गरीबों, मजदूरों, हॉकर्स के लिए ऐलान भी किए थे. इस तरह के ऐलान दिल्ली में देखने को नहीं मिले हैं.

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