- माल्या के प्रत्यर्पण मामले में 10 दिसंबर को आएगा फैसला
- देश छोड़ने से पहले वित्त मंत्री से मिला: माल्या
- सेटलमेंट के लिए बैंकों को लेटर भेजा था, आपत्ति जताई गई: माल्या
- माल्या का दावा सरासर झूठ है, उसे कभी मिलने की इजाजत नहीं दी: अरुण जेटली
भारत से फरार शराब कारोबारी विजय माल्या ने लंदन के कोर्ट में कहा है कि वो देश छोड़ने से पहले वित्तमंत्री से मिला था. माल्या का दावा है कि वो सेटलमेंट के लिए भी तैयार था, लेकिन भारतीय बैंकों ने आपत्ति जताई थी.
इस बयान के ठीक बाद वित्तमंत्री अरुण जेटली ने माल्या के दावे को सिरे से नकार दिया. जेटली ने कहा कि माल्या झूठ बोल रहा है, उन्होंने कभी भी माल्या को मिलने का वक्त नहीं दिया.
ये बिल्कुल झूठ है. जब से हम लोग सरकार में हैं. मैंने कभी अपने ऑफिस में या घर पर उनसे (विजय माल्या) मुलाकात नहीं की. क्योंकि, वो राज्यसभा के मेंबर थे, कभी-कभी आया करते थे. एक दिन वो भागते-भागते मेरे पास आए, कहने लगे कि मैंने कुछ सेटलमेंट की प्रस्तावना की है. मैंने केवल ये कहा कि जो कहना है वो बैंकर को कहिए. मुझे इस बात की जानकारी थी कि वो इस तरह के ब्लफ पहले भी कर चुके हैं. उनसे कोई भी कागज लिए बगैर मैं आगे निकल गया.कांग्रेस ने ‘झूठनीति’ को राजनीति बना दिया है. वो भ्रष्टाचार से दबी हुई पार्टी है.अरुण जेटली, वित्त मंत्री
वेस्टमिंस्टर कोर्ट से बाहर निकलते हुए विजय माल्या ने अपने बयान पर सफाई देते हुए कहा कि वो देश से से बाहर निकलते वक्त अरुण जेटली से मिला, लेकिन कोई औपचारिक बैठक नहीं हुई.
मैं संसद में जेटली से मिलने आया और उनसे कहा कि मैं लंदन जा रहा हूं . मेरी उनके साथ कोई औपचारिक बैठक नहीं हुई.विजय माल्या
कांग्रेस हमलावर हुई
विजय माल्या के इस बयान के बाद कांग्रेस के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने बीजेपी पर माल्या, नीरव मोदी, मेहुल चोकसी समेत सभी भगोड़ों को देश से फरार करने का आरोप लगाया. कांग्रेस के ट्विटर हैंडल से एक ट्वीट भी किया गया, जिसमें माल्या के बयान के बाद बीजेपी का अरुण जेटली का मजाक उड़ाया गया है.
विजय माल्या 2 मार्च 2016 से ही भारतीय बैंकों का 9 हजार करोड़ से अधिक का कर्ज लेकर फरार है. फिलहाल, लंदन में रह रहा है. माल्या के प्रत्यर्पण की सुनवाई लंदन के वेस्टमिंस्टर कोर्ट में चल रही है. सीबीआई अधिकारियों की टीम भी वहां मौजूद है. प्रत्यर्पण मामले में फैसला 10 दिसंबर को सुनाया जाएगा.
माल्या केस में कब क्या हुआ ?
- 2 मार्च 2016 को विजय माल्या भारत छोड़कर ब्रिटेन फरार.
- माल्या ने बकाया लोन के वन टाइम सेटलमेंट के लिए बैंकों से बातचीत की पेशकश की. इसके लिए सुप्रीम कोर्ट से हस्तक्षेप की भी मांग की.
- बैंकों ने अप्रैल 2016 में ही माल्या को 6,866 करोड़ रुपये बकाया राशि के भुगतान का प्रस्ताव दिया.
- 9 फरवरी 2017 को भारत सरकार ने ब्रिटेन के हाई कमीशन से विजय माल्या के प्रत्यर्पण की अपील की.
- विजय माल्या के प्रत्यर्पण की मांग को ब्रिटेन की सरकार ने मंजूर किया. भारत के आग्रह को लंदन की वेस्टमिंस्टर कोर्ट में भेज दिया गया.
- 12 अप्रैल 2017 को दिल्ली कोर्ट ने माल्या के खिलाफ एक गैर-जमानती वारंट जारी किया.
- 18 अप्रैल को लंदन में विजय माल्या की गिरफ्तारी, वेस्टमिंस्टर कोर्ट से जमानत पर रिहा.
- 3 अक्टूबर को मनी लॉन्ड्रिंग के केस में हुई गिरफ्तारी और फिर जमानत मिल गई.
- 4 दिसंबर से मामले की सुनवाई चल रही है वेस्टमिंस्टर कोर्ट में.
- 12 सितंबर को माल्या ने कहा कि देश छोड़ने से पहले वो वित्त मंत्री से मिला था.
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